ज्योतिष | ग्रहों के अस्त और उदित होने की क्रिया को ज्योतिष विज्ञान में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. 31 जनवरी 2023 मंगलवार के दिन शनि देव अपनी स्वयं की राशि कुंभ में ही अस्त होने जा रहे हैं. इसका प्रभाव बाकि सभी राशि के जातकों पर भी देखने को मिलेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि अस्त होने के कारण जिन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है, उन्हें इस दौरान ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है. साथ ही, वह रोजाना एक अचूक उपाय भी कर सकते हैं.
शनि की ढैय्या
ज्योतिष शास्त्र के आनुसार, जब शनि गोचर काल में राशि से चौथे या आठवें भाव में विराजमान हों तो उस स्थिति में शनि की ढैय्या कहलाती है. शनिदेव ने 17 जनवरी को कुंभ राशि में प्रवेश किया था और अब वह 31 जनवरी को इसी राशि में अस्त होने जा रहे हैं. शनि वक्री 31 जनवरी को सुबह 2:46 पर होगा और 33 दिनों तक वह इसी अवस्था में रहेंगे.
जिसके बाद, वह 5 मार्च को रात्रि काल में उदित होंगे. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या कुंभ, मीन, मकर, वृश्चिक और कर्क राशि पर चल रही है. इस अवधि में यह राशियां रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें. ऐसा करने से आप शनि के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं.
साढ़ेसती की वजह से करना पड़ता है मुश्किलों का सामना
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, व्यक्ति के जीवन में शनि की साढ़े साती के तीन चरण होते हैं. शनि की साढ़े साती का प्रभाव जिन राशियों पर पड़ता है, उन्हें शारीरिक, मानसिक आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ता है. जिन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही होती है, उन लोगों का जीवन बहुत कष्टकारी होता है
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