कुरुक्षेत्र । इस साल का दूसरा ग्रहण आज दिखाई देगा. बता दें कि इस बार सूर्य ग्रहण खास तरह का होगा, यह वलयाकार होगा जिसमें चंद्रमा सूर्य के मध्य हिस्से को पूरी तरह ढक लेगा, लेकिन बाहरी हिस्सा प्रकाशमान रह जाएगा. इस स्थिति में सूर्य एक आग की अंगूठी की तरह नजर आएगा. यह ग्रहण पंजाब एवं हरियाणा सहित भारत में नहीं दिखेगा. जिसकी वजह से इसका सूतक भी नहीं लगेगा.
शनि जयंती और वट सावित्री पूजा के कारण खास होगा ग्रहण
कुरुक्षेत्र जिले के पीपली के कॉस्मिक एक्सट्रों के निदेशक एवं श्री दुर्गा मंदिर संस्थान के अध्यक्ष डॉक्टर सुरेश मिश्रा ने बताया है कि 10 जून वीरवार को शनि जयंती और वट सावित्री पूजा भी है. जिसकी वजह से यह ग्रहण और भी खास होगा. सूर्य ग्रहण 10 जून को दोपहर 1:42 पर शुरू होगा और यह शाम 6:41पर समाप्त होगा. यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. यह उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भाग, उतरी कनाडा,यूरोप,एशिया, ग्रीनलैंड और रूस के अधिकतर हिस्सों में दिखाई देगा. भारत में ग्रहण की ना दिखाई देने की वजह से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.
सूर्य ग्रहण के समय यह सावधानियों बरते
सूर्य ग्रहण को खुली आंखों से देखना हानिकारक माना जाता है, ग्रहण के दौरान अपनी आंखों पर चश्मे लगाने चाहिए. तेज धारदार वाली वस्तु चाकू या छुरी का प्रयोग नहीं करना चाहिए. भोजन और पानी का भी सेवन नहीं करना चाहिए. इस समय पूजा भी नहीं की जाती. ग्रहण के दौरान आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूतक काल की गणना सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले की जाती है. साथ ही सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता. मंदिरों के द्वार भी सूतक काल में बंद होते हैं. सूर्य ग्रहण काल में राहु और केतु ग्रह के अधिक सक्रिय होने के कारण व्यक्ति के जीवन में कई तरह की कठिनाइयां व परेशानी आ सकती है. इसलिए इसके दुष्प्रभाव को समाप्त करने के लिए ग्रहण के बाद अनाज, धन या गाय का दान सुपात्र को करना चाहिए. ग्रहण के बाद किए गए दान का फल अवश्य मिलता है .
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