ज्योतिष | शनि की साढ़ेसाती का अच्छा व बुरा प्रभाव लगभग सभी 12 राशि के जातकों पर दिखाई देता है. शनि देव (Shani Dev) को न्याय फलदाता और कर्म फलदाता के नाम से भी जाना जाता है. ज्योतिष आचार्य के अनुसार, जिस भी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होती है, उसका जीवन पूरी तरह से बदल जाता है. शनि की साढ़ेसाती के 3 चरण होते हैं, मौजूदा समय में शनि अपनी खुद की राशि कुंभ में विराजमान है और शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा हैं.
इन राशियों पर चल रही शनि की साढ़ेसाती और ढैया
मौजूदा समय में शनि कुंभ राशि में विराजमान है, जिस वजह से मकर, कुंभ व मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. कुंभ राशि वालों पर 24 जनवरी 2020 से शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई थी, जो 3 जून 2027 तक जारी रहेगी. शनि की महादशा से पूरी तरह से कुंभ राशि के जातकों को 23 फरवरी 2028 को मुक्ति मिलने वाली हैं. शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण काफी मुश्किलों भरा माना जाता है. इस दौरान जातको को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है.
इसके साथ ही, धोखा मिलने की संभावना भी कई ज्यादा बढ़ जाती है. मौजूदा समय में शनि की ढैया कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर चल रही है.
अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय
- काले वस्त्र दान करना बेहद ही अच्छा माना जाता है.
- हो सके तो जातको को शनिवार के दिन व्रत अवश्य करना चाहिए.
- काली उड़द का दान भी कर सकते हैं.
- शनिवार के दिन सुंदरकांड व बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए, ऐसा करना भी काफी अच्छा माना जाता है.
- शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के लिए शनि मंदिर में छाया दान करना चाहिए.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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