ज्योतिष | आज पूरे देश में धूमधाम से हनुमान जयंती मनाई जा रही है. गुरुवार आज यानि 6 अप्रैल 2023 को पवन पुत्र संकट मोचन और भगवान शिव के रूद्र अवतार भगवान बजरंगबली का जन्म उत्सव मनाया जा रहा है. बता दें कि राम के भक्त हनुमान जी को कलयुग के देवता और जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता के नाम से जाना जाता है. हनुमान जी को भगवान शिव के 11 वे अवतार के रूप में माना जाता है.
राम भक्त हनुमान जी के जन्म को लेकर दो तरह की धार्मिक मान्यताएं है. एक मान्यता के अनुसार, हनुमान जी का जन्म चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि को हुआ था. इसके अलावा, कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भी हनुमान जयंती मनाई जाती है.
साल में दो बार मनाई जाती है हनुमान जयंती
चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि को भगवान हनुमान के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है. बता दें कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार, प्रत्येक वर्ष में हनुमान जयंती का त्यौहार दो बार मनाए जाने की परंपरा है. दरअसल, भगवान हनुमान जी का जन्मोत्सव एक बार ही मनाया जाता है जबकि दूसरी बार हनुमान जी को विजय दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. रामायण के अनुसार, भगवान जी का जन्म कार्तिक महीने के कृष्ण चतुर्थी तिथि पर और स्वाति नक्षत्र में हुआ था.
इस शुभ मुहूर्त पर करें हनुमान जी की पूजा
हनुमान जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर पूजा करे. सुबह पूजा करने के लिए 6:06 से 7:40 तक शुभ मुहूर्त है. इसके बाद, दोपहर में 12:24 से 1:58 मिनट तक पूजा कर सकते हैं. वहीं, शाम की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 5:07 से 8:07 तक है. शुभ मुहूर्त पर पूजा करने पर आपको विशेष लाभ मिलता है.
इस प्रकार करें हनुमानजी को प्रसन्न
- हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी का आशीर्वाद लेने के लिए चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर उन्हें लेप लगाएं, ऐसा करने से हनुमान जी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और आपको सुख- समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. साथ ही, आपकी कुंडली में कई प्रकार के दोष भी खत्म हो जाते हैं.
- हनुमान जी को लाल रंग का फूल और गुड़हल का फूल अर्पित करने से भी आपके जीवन के तमाम तरह के संकट समाप्त हो जाते हैं.
- यदि आपको जीवन में संतान संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो आपको हनुमान जयंती के दिन अपने घर में सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से संतान संबंधित समस्या दूर हो जाती है.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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