ज्योतिष, Chaitra Purnima 2023 | हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन को नवसंवत्सर की पूर्णिमा पड़ती है. बता दें कि इसी दिन को चैत्र पूर्णिमा या चैत्र पूनम के नाम से भी जाना जाता है. अबकी बार इस पूर्णिमा का आरंभ आज 5 अप्रैल को हो चुका है और इसका समापन कल 6 अप्रैल को हो जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखने का विशेष महत्व होता है. साथ ही, अगले दिन हनुमान जन्मोत्सव पर्व को भी काफी धूमधाम से मनाया जाता है.
पंचांग में बताया गया है कि चैत्र पूर्णिमा का चंद्रोदय अत्यंत शुभ योग में होता है. इसी वजह से आज तीन अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं. मान्यता है कि इस विधि में पूजा करने से जातको को विशेष फल प्राप्त होता है और उनके जीवन में आ रही तमाम तरह की परेशानियां अपने आप दूर हो जाती है.
आज के दिन जरूर करें यह उपाय
- शास्त्रों में इस बात की जानकारी दी गई है कि पूर्णिमा तिथि के दिन पीपल के वृक्ष में माता लक्ष्मी वास करती है. इसी वजह से इस दिन पीपल के पेड़ को जल अर्पित करना काफी शुभ होता है, संध्या के समय पेड़ के नीचे दीपक जलाए.
- चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने का भी विशेष महत्व होता है, इसी वजह से इस दिन रात्रि के समय चंद्र देव को कच्चे दूध में चावल मिलाकर अर्घ्य दें. इससे आपको विशेष लाभ मिलेगा.
- वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए भी इस दिन पति- पत्नी एक साथ मिलकर चंद्र देव को अर्घ्य दें. ऐसा करने से उनके जीवन में आ रही तमाम तरह की परेशानियां खत्म हो जाती है.
- चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है, इसी वजह से इस दिन सुबह और शाम को हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें और ओम नमो भगवते हनुमते नमः मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें.
- चैत्र पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की पूजा के बाद रात्रि के समय खीर या सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाया जाता है ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और आपको विशेष आशीर्वाद देती है.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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