ज्योतिष, Nirjala Ekadashi 2023 | 31 मई यानी आज निर्जला एकादशी है. कल 1 जून को ज्येष्ठ महीने का प्रदोष व्रत है. इस दिन गुरुवार का शुभ संयोग बनने की वजह से शिव के लिए यह दिन और भी खास रहने वाला है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भागीरथ ने अपने पितरों को तृप्त करने के लिए अखंड तपस्या की थी. फिर ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर स्वर्ग से धरती पर गंगा नदी का अवतरण हुआ. इसीलिए इस दिन गंगा स्नान, पूजा, दान करने का विशेष महत्व बताया जाता है. कल हमारे देश में बड़ी धूमधाम से गंगा दशहरा पर्व मनाया गया था.
निर्जला एकादशी पर दान करने का विशेष महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, साल भर की सभी एकादशीयों का पुण्य फल आज मिलता है. बता दें कि निर्जला एकादशी के दिन भीम ने भी यह व्रत किया था. इस वजह से इसे पांडव या भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन प्यासा रहकर जरूरतमंद या ब्राह्मणों को शुद्ध पानी से भरा हुआ घड़ा, फल और दान करने का विशेष महत्व है. ऐसा करने से आपको महापुण्य मिलता है. इस दिन देशभर में जगह- जगह पर ठंडे पानी की छबीले लगाई जाती है.
1 जून को प्रदोष व्रत
त्रयोदशी पर किए जाने वाले व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है. यह व्रत भगवान शिव जी का पसंदीदा व्रत होता है. ज्येष्ठ माह में आने वाले प्रदोष व्रत को बहुत खास माना जाता है. 1 जून को प्रदोष का व्रत है. इस दिन गुरुवार होने की वजह से गुरु प्रदोष का संयोग बन रहा है जो कि सौभाग्य और समृद्धि बढ़ाने वाला है. मान्यता है कि प्रदोष तिथि पर सूर्यास्त के समय महादेव कैलाश पर्वत पर रजत भवन में नृत्य करते हैं और देवता उनका गुणगान करते हैं. यह भी माना जाता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति की हर परेशानियां समाप्त हो जाती है.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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