ज्योतिष | हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का विशेष महत्व बताया गया है. हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को ही गणेश चतुर्थी होती है. इन सबमें से सबसे खास भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को माना जाता है. इस दिन से अगले 10 दिनों तक गणेश उत्सव मनाया जाता है. इन 10 दिनों में गणपति बप्पा, घर पर या फिर भव्य पंडाल में विराजमान होते हैं और उनकी विधि- विधान तरीके से पूजा अर्चना भी की जाती है. आज हम आपको बताएंगे कि अबकी बार गणेश चतुर्थी कब है.
कब है गणेश चतुर्थी
अबकी बार गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को है, इसका शुभारंभ 6 सितंबर की दोपहर 3:01 मिनट पर हो रहा है. उदया तिथि के हिसाब से 7 सितंबर को ही चतुर्थी तिथि रहने वाली है. इस दिन पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त 11:02 मिनट से लेकर दोपहर 1:33 मिनट तक रहने वाला है. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:54 मिनट से दोपहर 12:44 मिनट तक रहने वाला है.
इस प्रकार बप्पा को लाए घर
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी की मूर्ति मध्यान्ह व्यापिनी यानी दोपहर के समय स्थापित की जाती है. गणेश चतुर्थी के दिन जब आप अपने घर में बप्पा को लेकर आते हैं, तो आपको स्नान आदि कर लेना चाहिए. इसके बाद, विधि- विधान तरीके से गाजे या बाजे के साथ आपको बप्पा की आंखों की लाल रंग की पट्टी हटाकर उन्हें अपने घर में लाना चाहिए और वहां पर स्थापित करना चाहिए. उनका आवाहन करने से लेकर भोग इत्यादि करना चाहिए.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
जहां गणेश जी को विराजित कर रहे हैं, उसके सामने आपको अपने लिए भी एक आसन भी बिछा लेना चाहिए और वहां बैठकर हाथ में जल लेकर सबसे पहले हाथ में कुछ बुंदे जल ले, फिर मंत्र का जाप करें. जल को अपने ऊपर छिड़क ले. इसके बाद 3 बार आचमन करें. हाथ में जल और फिर ओम केशवाय नमः, ओम नारायण नमः, ओम माधवय नमः आदि मंत्रों का जाप करें.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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