ज्योतिष | कल पूरे देश में धूमधाम से दीपावली का पर्व मनाया गया. हर बार दीपावली से अगले दिन ही गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है परंतु अबकी बार गोवर्धन पूजा का पर्व 13 नवंबर को ना होकर 14 नवंबर को है. ब्रज से शुरू हुई गोवर्धन पूजा (Govardhan Pooja 2023) पूरे देश में उत्सव की तरह ही मनाई जाती है. इस दिन भक्त भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं कि वे उनकी हर संकट से रक्षा करें. इस दिन भगवान श्री कृष्ण को छप्पन भोग लगाए जाते हैं.
कल है गोवर्धन पूजा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पहले सभी बृजवासी इंद्रदेव की पूजा करते थे. भगवान श्री कृष्ण के कहने पर ही उन्होंने गोवर्धन की पूजा करनी शुरू कर दी. जिस वजह से इंद्रदेव क्रोधित हो गए और ब्रज में घनघोर बारिश शुरू कर दी. चारों ओर तबाही का मंजर हो गया था, तब भगवान श्री कृष्ण ने ही वहां रहने वाले लोगों की रक्षा की थी और गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था. सभी बृजवासियों ने अपने परिवार और पशुओं के साथ उसे पर्वत के नीचे ही शरण ली थी.
भगवान श्री कृष्ण के लिए बनाया जाता हैं छप्पन भोग
7 दिनों तक तेज वर्षा होती रही, परंतु इससे बृजवासी विचलित नहीं हुई. तब इंद्रदेव को आभास हुआ कि श्री कृष्णा कोई साधारण बालक नहीं है.ऐसे में उन्होंने श्रीकृष्ण से क्षमा मांगी और तभी से ही पूरे देश में गोवर्धन पूजा की जाती है. इसी वजह से बृजवासियों की तरफ से श्री कृष्ण के लिए 56 प्रकार का भोग तैयार किया जाता है, तभी से ही यह परंपरा शुरू हो गई. आज भी गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को छप्पन भोग लगाए जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भी गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण को छप्पन भोग लगाते हैं, उनके जीवन में कभी भी किसी भी चीज की कमी नहीं होती.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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