ज्योतिष, Somvati Amavasya 2023 | हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी 2023 यानि कल मनाई जाएगी. शास्त्रों में बताया गया है कि इस विशेष दिन पर स्नान, दान और पितरों को तर्पण आदि देने से व्यक्ति को धन- धान्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
फाल्गुन मास की पहली अमावस्या तिथि के दिन अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं. आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे कि अमावस्या के दिन स्नान और पित्र तर्पण का क्या महत्व है.
कल है सोमवती अमावस्या
हिंदू धर्म के अनुसार, सोमवती अमावस्या के दिन शिव योग का निर्माण हो रहा है. पंचांग के अनुसार, यह योग सुबह 9:34 से 21 फरवरी को सुबह 5:27 तक रहेगा. सोमवती अमावस्या पर पूरे दिन पंचक रहेगा किंतु शुभ मुहूर्त में स्नान, दान और पूजा पाठ करने से साधकों पर इसका दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा.
पितरों की आत्मा की शांति और उनके मोक्ष की प्राप्ति के लिए इस दिन तर्पण किया जाता है. सोमवती अमावस्या के दिन तर्पण करने का विशेष महत्व है. स्नान के बाद तर्पण करें और भगवान शिव और माता पार्वती को याद करें. ऐसा करने से आपके कई प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं.
सोमवती अमावस्या के तर्पण मंत्र
- गोत्रे अस्मतपिता (पिता जी और दादा जी का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः.
- पितृ गायत्री मंत्र: ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्.