निर्जला एकादशी पर बन रहे दो शुभ योग, पूजा के बाद अवश्य करें इन 5 चीजों का दान

ज्योतिष | निर्जला एकादशी के व्रत का विशेष महत्व होता है अबकी बार यह व्रत 31 मई को है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. अबकी बार निर्जला एकादशी पर स्वार्थ सिद्धि समेत दो शुभ योग बन रहे हैं. इस वजह से इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. इन दोनों शुभ योग में कार्य करने से आपको सफलता प्राप्त होगी. निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि को रखा जाता है.

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अबकी बार निर्जला एकादशी पर स्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5:24 मिनट पर बन रहा है और इसका समापन सुबह 6:00 बजे हो जाएगा. इस दिन रवि योग सुबह 5:24 मिनट से 6:00 बजे तक रहेगा. अगर आप इन दोनों शुभ योग में निर्जला एकादशी व्रत की पूजा करते हैं तो आपको विशेष लाभ प्राप्त होगा.

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पूजा का शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि की शुरूआत- 30 मई, मंगलवार, दोपहर 01 बजकर 07 मिनट से

ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि की समाप्ति–  31 मई, बुधवार, दोपहर 01 बजकर 45 मिनट पर

निर्जला एकादशी पूजा मुहूर्त-  सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 51 मिनट तक, सुबह 10 बजकर 35 मिनट से दोपहर दोपहर 12 बजकर 19 मिनट तक

निर्जला एकादशी को सभी एकादशी व्रतों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह व्रत काफी कठिन ह. इसमें अन्न और जल ग्रहण नहीं करने होते. निर्जला एकादशी व्रत करने से सभी एकादशी व्रतों का पुण्य मिलता है. निर्जला एकादशी से आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करके मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं.

इन 5 चीजों का अवश्य करें दान

निर्जला एकादशी पर दान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन आप जल कलश, नमक, तिल, वस्त्र, फल, अनाज आदि का दान कर सकते हैं. इससे आपको पुण्य प्राप्त होता है और आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करने में भी कामयाब होंगे. तिल दान से दुख और रोग से मुक्ति मिलती है. वस्त्र का दान करने से आयु बढ़ती है. निर्जला एकादशी पर जो लोग अनाज का दान करते हैं, उनका घर सदा धन- धान्य से भरा रहता है.

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भूलकर भी ना करें ये गलतियां

  • निर्जला एकादशी के दिन आपको चावल का सेवन नहीं करना चाहिए, एकादशी के दिन चावल खाना बेहद अशुभ माना जाता है.
  • निर्जला एकादशी के दिन मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए, यदि आप ऐसा करते हैं तो भगवान विष्णु आपसे नाराज हो जाते हैं.
  • एकादशी के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन का सेवन न करें. इस दिन एकादशी के नियमों का पालन जरूर करें.
  • निर्जला एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. इस दिन अपना पूरा ध्यान केवल ईश्वर की पूजा में ही लगाना चाहिए.
  • निर्जला एकादशी के दिन सब का आदर करें, किसी के साथ भी बुरा व्यवहार ना करें.
  • निर्जला एकादशी के दिन स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और व्रत का संकल्प लें.
  • एकादशी के दिन पशु- पक्षियों के लिए जल जरूर रखें, ऐसा करने से आपको भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है.
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डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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