नई दिल्ली | इस माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है. इस दिन व्रत रखने और पूजा अर्चना करने से भगवान गणेश जी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. अबकी बार विनायक चतुर्थी 27 नवंबर के दिन है. इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व है. गणेश जी की पूजा दोपहर 12:00 बजे से पहले करना अति उत्तम होता है. शास्त्रों के अनुसार, विनायक चतुर्थी पर चंद्रदर्शन को काफी अशुभ माना जाता है इसलिए इस दिन आपको गलती से भी चंद्रोदय नहीं देखना चाहिए.
27 नवंबर को है विनायक चतुर्थी
ऐसा कहा जाता है कि अगर आप विनायक चतुर्थी पर चांद के दर्शन कर लेते हैं, तो आपको झूठे आरोपों का सामना करना पड़ सकता है. आज की इस खबर में हम आपको विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और इस दिन बनने वाले शुभ योग के बारे में जानकारी देंगे.
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 नवंबर 2022 को शाम 7:28 से शुरू होकर अगले दिन 27 नवंबर 2022 को शाम 4:25 तक रहेगी. ऐसे में उदय तिथि के आधार पर 27 नवंबर को ही विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन व्रत रखकर बप्पा की पूजा सुबह 11:06 से लेकर दोपहर 1:12 के बीच कर ले. यह मुहर्त इस उदया तिथि का सबसे शुभ मुहूर्त है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कोई भी व्रत पूजा और शुभ कार्य शुभ योग में करना ही अच्छा होता है.
इस दिन बन रहे हैं स्वार्थ सिद्ध और रवि योग
ऐसे में विनायक चतुर्थी के दिन स्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है. इस योग में किसी प्रकार का मांगलिक कार्य करना काफी शुभ माना गया है. 27 नवंबर को रवि योग सुबह 6:53 से लेकर दोपहर 12:38 तक रहेगा. वही स्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 12:38 से लेकर 28 नवंबर 2022 सुबह 6:54 तक रहेगा. इस दिन भगवान गणेश की उपासना कर व्रत रखा जाता है. इस दिन व्रत रखने से घर में सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है. वही व्यक्ति के जीवन में आ रही तमाम तरह की बाधाएं दूर हो जाती है. यदि आप इस दिन विधिवत तरीके से भगवान गणेश की पूजा करते हैं, तो आपको हर कार्य में सफलता हासिल होती है.
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