ज्योतिष | वैशाख के महीने को बेहद ही पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने जल का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इस महीने की अमावस्या पितरों के तर्पण, पिंडदान आदि के लिए काफी खास मानी जाती है. अबकी बार अमावस्या को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि वैशाख अमावस्या 7 मई को है या फिर 8 मई को, तो चलिए आज की इस खबर में हम आपको इसी बारे में जानकारी देने वाले हैं.
कब है वैशाख महीने की अमावस्या तिथि
हिंदू धर्म में किसी भी व्रत या त्यौहार की शुरुआत उगते हुए सूर्य की तिथि से ही मानी जाती है. हालांकि, कई बार व्रत के पूजा मुहूर्त के आधार पर भी तिथि का निर्धारण किया जाता है. वैशाख महीने में अमावस्या की सही तिथि का निर्धारण उदयातिथि के अनुसार ही किया जाता है. इस साल वैशाख अमावस्या की शुरुआत 7 मई को 11:40 मिनट पर हो रही है और 8 मई को सुबह 8:51 मिनट तक मान्य रहने वाली है. उदयातिथि के अनुसार, अमावस्या तिथि 8 मई को है, इसलिए 7 मई को वैशाख की दर्श 10 अमावस्या रहेगी.
आसानी से कर सकते हैं पितरों को प्रसन्न
वैशाख महीने की अमावस्या तिथि का दिन पितरों के तर्पण के लिए काफी खास माना जाता है, इस दिन आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए. आपको ब्रह्म मुहूर्त यानी कि सुबह 4:10 मिनट से 4:52 मिनट के बीच स्नान कर लेना चाहिए. इस दिन पितरों के तर्पण के लिए आप जल, सफेद फूल और काले तिल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर आपके पितृ भी आपसे नाराज है, तो आप इस दिन पूजा अर्चना करके उन्हें आसानी से मना सकते हैं.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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