ज्योतिष । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन में घटित होने वाली घटनाओं के बारे में पूर्व अनुमान लगाया जाता है. ऐसे में जब कोई ग्रह अस्त होता है. तो उसका प्रभाव अन्य राशियों के जातकों पर भी पड़ता है. बता दें शनि की स्वराशि कुंभ में देवगुरु बृहस्पति का अस्त होने वाला है. बृहस्पति देव को ज्ञान, सुख-समृद्धि और भाग्य का कारक माना जाता है. देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने से कुछ राशियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इस राशि के जातकों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता होती है. तो आइए जानते हैं इन राशियों के बारे में….
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए गुरु का अस्त शुभ नहीं माना जाता. ऐसे में इस दौरान कार्यक्षेत्र में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही फिजूलखर्ची में वृद्धि होती है. वही जीवन साथी के साथ तनाव बढ़ सकता है. व्यापार से जुड़े लोगों को आर्थिक रूप से कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों को इस अवधि में कम सफलता मिलने के आसार होते हैं. अधिकतर इच्छाएं अधूरी रह सकती हैं. नौकरी में बदलाव की संभावना है. वही व्यापार से जुड़े लोगों को आर्थिक मंदी के हालात का सामना करना पड़ सकता है. जीवन साथी के साथ मनमुटाव से तनाव बढ़ सकता है.
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के गुरु अस्त होने की अवधि के दौरान करियर में तमाम प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. वैवाहिक जीवन में जीवन साथी के साथ मनमुटाव हो सकता है. बने बनाए काम बिगड़ने की अधिक संभावना रहती है. आर्थिक तंगी की वजह से मानसिक तनाव बढ़ सकता है.
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु के अस्त होने को शुभ संकेत नहीं माना जाता. इस दौरान कार्य में सफलता पाने के लिए अधिक परिश्रम की आवश्यकता पड़ती है. आर्थिक समस्या की वजह से तनाव में बढ़ोतरी होती है. व्यापार में नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में गुरु के अस्त होने के दौरान अपने खानपान पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है.
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