ज्योतिष | शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है. बता दें कि यदि भक्त नियमित रूप से शनिवार को शनि देव की पूजा करते हैं तो उन्हें शनि की महादशा, ढेया और साढ़ेसाती से छुटकारा मिल जाता है. जिस भी जातक पर शनिदेव मेहरबान होते हैं उसकी नैया पार हो जाती है. शनि को क्रूर ग्रह भी माना जाता है और यदि कुंडली में शनि देव सही स्थान पर ना हो तो आपकी परेशानियां भी बढ़ सकती है. खासकर महिलाएं जब शनिदेव की पूजा करती हैं तो उनके लिए जरूरी है कि वह कुछ नियमों का पालन करें. यदि वे ऐसा नहीं करती हैं तो शनि की नाराजगी से उनकी परेशानियां बढ़ सकती हैं.
शनि देव की पूजा के दौरान महिलाएं इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- शनिदेव की नजर हमेशा ही अच्छे और बुरे कर्म करने वालों पर बनी रहती है. महिलाओ की कुंडली में शनि दोष हो या फिर शनि की महादशा हो तो उन्हें शनिदेव की नियमित आराधना करनी चाहिए.
- शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि महिलाओं का शनिदेव की मूर्ति पर तेल चढ़ाना भी वर्जित है. शनि को प्रसन्न करने के लिए महिलाएं पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक लगाएं या फिर शनि मंदिर में शनि के नियमित दीपक लगा सकती हैं.
- यदि महिलाएं शनि की कृपा पाना चाहती हैं तो वह शनि चालीसा का पाठ कर सकती है. इस प्रकार वह भगवान शनिदेव को आसानी से प्रसन्न कर सकती हैं.
- शनिवार के दिन महिलाओं को शनि से संबंधित चीजें जैसे सरसों का तेल, काले कपड़े, काले जूते, लोहे के बर्तन, काली उड़द आदि चीजों का दान करना चाहिए. इससे शनि दोष शांत होता है.
- शनिदेव की पूजा करते समय महिलाओं को गलती से भी शनि की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपकी मुश्किलें बढ़ सकती है. शास्त्रों के अनुसार, शनि देव की मूर्ति को छूने से महिलाओं पर शनि की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है.