कैथल | पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सार्वजनिक तौर पर ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर बजाने के एक मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. कैथल जिला के कलायत इलाके के कुराड़ निवासी 80 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक उजागर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा और न्यायाधीश अरुण पाली ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए फैसला सुनाया है कि हरियाणा में अब सार्वजनिक तौर से ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर नहीं बज पाएंगे.
12 फरवरी 2023 को हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी लेकर उजागर सिंह लघु सचिवालय पहुंचा और एसडीएम से हाईकोर्ट के आदेश को सुनिश्चित करवाने की अपील की.
इन कार्यक्रमों पर लागू होंगे नियम
देर- सवेर ऊंची आवाज से ध्वनि प्रदूषण करने वालों के खिलाफ सरकार 22 जुलाई 2019 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा महेंद्र सिंह बनाम स्टेट आफ पंजाब वाद में लिए गए निर्णय के अनुसार कार्रवाई करेगी. यह उस दौरान न्यायाधीश राजीव शर्मा और हरिंद्र सिंह सिद्धू की खंडपीठ ने सुनाया था. इसमें रात 10 बजे से सुबह छह बजे के बीच लाउडस्पीकर बजाने पर पूर्णतः पाबंदी रहेगी.
ये नियम मैरिज पैलेस, डीजे पार्टी और इस प्रकार के साउंड सिस्टम से जुड़े कार्यक्रमों में भी लागू रहेंगे. कोई खास वजह होती है तो इसके लिए जिला प्रशासन से परमिशन लेनी होगी. हाईकोर्ट के इन आदेशों की पालना में चूक करने वाले प्रशासनिक अमले के खिलाफ न्यायालय अवमानना की कार्रवाई होगी.
हाईकोर्ट में दायर याचिका के दौरान सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक बाल्यान ने सरकार का पक्ष रखा. मामले में हाईकोर्ट के वकील वंश मल्होत्रा ने बताया कि डीसी और एसपी को इस फैसले के संदर्भ में पत्र भेज चुके हैं लेकिन इसे लागू नहीं किया जा रहा. ऐसे में कोर्ट की अवमानना का केस भी दर्ज हो सकता है.
बुजुर्ग ने खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा
सीनियर सिटीजन उजागर सिंह ने बताया कि धार्मिक स्थल पर निर्धारित समय की पालना न करते हुए ऊंची आवाज में लाउड स्पीकर बजाया जा रहा था. इससे रोगियों, बुजुर्गों और स्टूडेंट्स को खासी परेशानी हो रही थी. जिला प्रशासन द्वारा समस्या का समाधान न किए जाने पर उसने अंतिम विकल्प के तौर पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
कलायत थाना प्रभारी दलबीर सिंह ने बताया कि उजागर सिंह की शिकायत निवारण करते हुए नियमों की पालना की हिदायत धार्मिक स्थल प्रबंधकों को दी थी. हाईकोर्ट के आदेशों की पालना के लिए प्रशासन गंभीर है.
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