भतीजे के अंतिम संस्‍कार में हुई अनहोनी, मौत के मुंह से खींच लाया ये शख्‍स

कैथल । कोई भी एक्सीडेंट या अन्य दुर्घटना होने पर किस प्रकार प्राथमिक उपचार जान बचा सकता है, इस बात को कैथल जिले के गांव भागल के सतनाम से ज्यादा बेहतर कोई समझ नहीं सकता. गांव भागल का रहने वाला सतनाम अपनी पत्नी के भतीजे की मृत्यु पर सफाखेड़ी गांव में अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए गया हुआ था. अंतिम संस्कार के दौरान सतनाम को दिल का दौरा पड़ गया. इस पर सफाखेड़ी गांव के अशोक ने कार्डियो पलमोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) के माध्यम से सतनाम की जान बचाई.

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श्मशान घाट में आया हार्ट अटैक

उचाना के सफा खेड़ी गांव में 18 जनवरी को खुशीराम के बेटे की मृत्यु हो गई थी. उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मृतक बेटे के फूफा सतनाम भी भागल गांव से आए हुए थे. जब मृतक की चिता को अग्नि दी जा रही थी उस समय श्मशान घाट में ही सतनाम को छाती में तेज दर्द महसूस हुआ और हार्टअटैक आया. सतनाम वहीं पर गिर पड़ा.

एक युवक ने दिया प्राथमिक उपचार, बच गई जान

वहां पर खड़े सभी लोगों के सतनाम को बेहोश होता देखकर हाथ-पांव फूलने लगे. परंतु वहीं पर अशोक नाम का एक युवक था जिसने बुद्धिमता से काम लिया और उसने सतनाम की छाती पर हाथ रखकर पंपिंग आरंभ कर दी और मुंह से मुंह मिलाकर सांस देना आरंभ कर दिया. लगभग लगातार आधे घंटे तक सतनाम को सीपीआर मतलब ‘एक साथ छाती को दबाते रहना और कृत्रिम सांस देते रहना’ की प्रक्रिया की गई. इसके बाद सतनाम को सोर्बिट्रेट दवाई दी गई. कुछ समय बाद सतनाम को राहत महसूस हुई और उसकी जान बच गई.

सभी को दी फर्स्ट एड ट्रेनिंग लेने की सलाह

सतनाम ने बताया कि उसे दिल का दौरा मतलब हार्ट अटैक आया था. उसकी जान अशोक की वजह से बच गई. अगर अशोक समय रहते सतनाम को प्राथमिक उपचार नहीं देता तो सतनाम की जान बचानी मुश्किल थी. सभी को हर प्रकार की दुर्घटना में प्राथमिक उपचार का ज्ञान होना बहुत आवश्यक है. अशोक ने बताया कि आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सभी को फर्स्ट एड ट्रेंनिंग अवश्य लेनी चाहिए. क्योंकि यह जीवन में किसी भी समय हमारे काम आ सकती है और हमारी और अन्य लोगों की जिंदगी बचा सकती हैं.

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