कैथल | सरस्वती नदी के किनारे स्थित कैथल के पोलड़ गांव में सरस्वती हेरिटेज बोर्ड द्वारा “सरस्वती रिवर फ्रंट” बनाया जाएगा. इस पर करीब 1.25 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इस निर्माण कार्य के लिए जल्द ही टेंडर नोटिस भी जारी किया जाएगा. मुख्य उद्देश्य नदी के तट पर, पोलड़ में स्थित देवी सरस्वती के मंदिर को एक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करना है.
हर साल मनाया जाता है सरस्वती महोत्सव
बता दें कि सरस्वती नदी की ऐतिहासिक पहचान और इसके महत्व को जानने के लिए हर साल सरस्वती महोत्सव मनाया जाता है. इसी श्रृंखला में पिछले दो वर्षों से पोलड़ में भी सरस्वती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. यह उत्सव सरस्वती नदी के तट पर स्थित मंदिर में आयोजित किया जाता है. किरमिच ने बताया कि अब इस त्योहार को पंजाब के सागरा गांव में भी मनाने की योजना बनाई जा रही है.
आता है फैक्ट्रियों का गंदा पानी
गौरतलब है कि पोलड़ गांव से होकर गुजरने वाली सरस्वती नदी के पानी में इस समय फैक्ट्रियों का गंदा पानी आ रहा है. इससे पहले यह सरस्वती रिवर फ्रंट कुरूक्षेत्र के पिपली और यमुनानगर के दीप माजरा में बनाया जाएगा जबकि पिहोवा और दीप माजरा में फ्रंट का निर्माण कार्य पहले से ही चल रहा है.
एक साल पहले भेजा था प्रस्ताव
करीब एक साल पहले सरस्वती हेरिटेज बोर्ड ने इस प्रोजेक्ट को लेकर सरकार को प्रस्ताव भेजा था. इसके तहत, इस रिवर फ्रंट का निर्माण कार्य किया जाएगा. इससे पहले बोर्ड ने नदी किनारे पंजाब सीमा तक कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी.
तीर्थस्थल के रूप में विकसित होंगे घाट
सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह ने कहा कि जिन स्थानों पर देवी सरस्वती के मंदिर हैं, वहां पर सरस्वती रिवर फ्रंट बनाया जाएगा. इन मंदिरों में नदी पर घाट तो बनाए ही जाएंगे. साथ ही, रिवर फ्रंट बनने से पानी एक जगह इकट्ठा हो जाएगा क्योंकि इस समय सरस्वती नदी में पानी स्वतंत्र रूप से बहता है. सरस्वती रिवर फ्रंट के निर्माण के बाद ऐसा नहीं होगा और घाट आदि के निर्माण के बाद लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी.
इस रीवर फ्रंट पर इतनी राशि होगी खर्च
स्थान | राशि |
दीप माजरा | 1.15 करोड़ |
पोलड़ | 1.10 करोड़ |
पिपली | 1 करोड़ |
पिहोवा | सवा करोड़ |