कैथल | UPSC टॉपर इरा सिंघल को कौन नहीं जानता. इरा सिंघल की बातों से प्रेरित होकर कैथल जिला की बेटी ने सिविल सेवा परीक्षा (HCS) की तैयारी शुरू की और आज मेहनत रंग लाई है. इसी क्रम में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर उपमंडल के चौशाला गांव की अंजू भाल ने सिविल परीक्षा उत्तीर्ण कर अपने परिवार को अनोखा तोहफा दिया है. इस सफलता से कलायत उपमंडल का पहला एचसीएस होने का गौरव प्राप्त हुआ है.
अंजू ने कही ये बातें
एचसीएस में चयनित अंजू ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा कलायत के एमडीएन स्कूल से हुई. एमडीएन स्कूल कलायत से नॉन मेडिकल में 12वीं पास करने के बाद उन्होंने वर्ष 2017 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस बीएससी फिजिक्स ऑनर्स में दाखिला लिया. 2020 में पास आउट होने के बाद उन्होंने एसएसएम कॉलेज कलायत कलायत में बीएड में दाखिला लिया और पढ़ाई के साथ- साथ पढ़ाना भी शुरू किया. साथ ही, घर पर रहकर यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी. उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि अपने पिता और मां के आशीर्वाद से उन्होंने अपने स्तर पर यह परीक्षा पास कर ली.
ये था जीवन का टर्निंग प्वाइंट
अंजू की जिंदगी में टर्निंग प्वाइंट उस दिन था जब जब वह बीएससी कर रही थीं. मिरांडा हाउस कॉलेज से ऑनर्स के दौरान उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी और कंप्यूटर साइंस इंजीनियर इरा सिंघल से मिलने और सुनने का अवसर मिला, जिन्होंने अपने कॉलेज में वर्ष 2014 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सर्वोच्च अंक हासिल किए थे.
फिर क्या था उसी दिन दिन तय कर लिया कि वह इरा सिंघल का अनुसरण करेंगी और प्रशासनिक सेवाओं में जाएंगी. सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करने वाली पहली विकलांग महिला सिंघल ने अपने चौथे प्रयास में परीक्षा टॉप की. उसके बाद, उन्होंने पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर ली थी.
परिवार में जश्न का माहौल
अंजू के पिता सुनील कुमार ने बताया कि उनकी एक बेटी और एक बेटा है. बेटा जवान है और महज 21 साल की उम्र में उसका चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर हो गया है. ट्रेनिंग देहरादून में चल रही है. संयोगवश, जिस दिन अंजू को सफलता मिली वह दिन अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस को समर्पित है. परिवार में खुशी का माहौल है लोग जश्न मना रहे हैं.
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