कैथल | आज विश्व दिव्यांगता दिवस है. हरियाणा के जिला कैथल निवासी सीता राम दोनों पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद क्रिकेट में अपना जादू दिखा रहे हैं. कसाना गांव निवासी सीता राम कई बार राज्य व राष्ट्रीय स्तर की क्रिकेट प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं. पहले जिला और फिर राज्य की पैरा क्रिकेट टीम में खेलते हुए दिव्यांग सीता राम ने अपनी टीम को जीत दर्ज कराने में अहम भूमिका निभाई है.
ऐसे शुरू हुआ क्रिकेट का सफर
सीता राम का कहना है कि स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने आरकेएसडी कॉलेज से बीए की पढ़ाई पूरी की. अपने कॉलेज के दिनों में जिला स्तर पर क्रिकेट खेलना शुरू किया. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए प्रदेश की टीम का चयन किया गया. क्रिकेट के साथ- साथ उन्होंने डिस्कस- थ्रो की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी भाग लिया है. फिलहाल, वह चार साल से राजस्थान दिव्यांग व्हील चेयर क्रिकेट टीम में खेल रहे हैं. दरअसल, हरियाणा में कोई दिव्यांग व्हील चेयर क्रिकेट टीम नहीं है, इसलिए वह राजस्थान के लिए क्रिकेट खेल रहे हैं.
पिता करते हैं खेती
दिव्यांग क्रिकेटर सीता राम ने बताया कि वह एक साधारण परिवार से हैं. उनके पिता खेती करके अपना गुजारा करते हैं. अब तक उन्होंने विकेटकीपिंग करते हुए 1200 रन, 100 स्टंप आउट और 150 कैच पकड़े हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें बचपन से ही क्रिकेट देखने और खेलने का शौक है. अपने बेहतर प्रदर्शन के दम पर दिव्यांग क्रिकेटर सीता राम अब तक राष्ट्रीय स्तर पर करीब 80 मैच खेल चुके हैं.
ये भी हैं उपलब्धियां
सीताराम ने राज्य स्तर पर कई पदक जीते हैं. वर्ष 2017 में उन्होंने रोहतक में आयोजित राज्य स्तरीय डिस्कस थ्रो में रजत पदक जीता. वर्ष 2019 में हिसार में आयोजित राज्य स्तरीय डिस्कस थ्रो में स्वर्ण पदक जीता. 2021 में राजस्थान टीम में खेलते हुए राजस्थान में आयोजित राष्ट्रीय व्हीलचेयर क्रिकेट प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया. वर्ष 2022 में तेलंगाना में आयोजित प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया. जिला स्तर पर दो बार वेट लिफ्टिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. उनका कहना है कि कामयाबी हासिल करने के लिए जुनून होना जरूरी है.
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