करनाल | भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के तत्वाधान में आयोजित अखिल भारतीय वित्तीय साक्षरता प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में करनाल के सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों ने चंडीगढ़ में होने वाली राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जगह बनाई है. दोनों छात्र सगे भाई-बहन हैं. शिक्षकों के मार्गदर्शन और अपनी पकड़ शक्ति के दम पर दोनों बच्चों ने जिला स्तरीय प्रतियोगिता में अपनी प्रतिद्वंदी टीमों को हराकर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित सरकारी स्कूल का नाम रोशन किया.
भाई- बहन में हुआ जमकर ज्ञान विवाद
भाई- बहन का रिश्ता प्यार से भरा होता है. दोनों 10वीं कक्षा में पढ़ते हैं और दोनों का चयन उनके शिक्षकों ने किया था. विद्यार्थियों को आरबीआई क्विज से संबंधित जानकारी दी गई. दोनों बच्चे घर के साथ-साथ स्कूल में भी तैयारी करते हैं. प्रतिस्पर्धा के बावजूद दोनों ने अपनी पढ़ाई बाधित नहीं होने दी. दोनों के बीच क्विज से जुड़े सवालों और उनके जवाबों को लेकर बहस होती रहती थी. वे एक-दूसरे को सही या गलत साबित करने के लिए सवालों के जवाब देने के लिए अपने शिक्षकों के पास जाते थे. उन दोनों का ज्ञान और समझने की क्षमता और भी बढ़ गयी. जिसके बाद, 11 जुलाई को जब उन्होंने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया तो वह टिप्स पर सवालों के जवाब देते नजर आए.
चेतन्या को नहीं पता था किस तरह के होंगे प्रश्न
छात्रा चेतन्या ने बताया कि उसे नहीं पता था कि आरबीआई प्रतियोगिता में उसके सामने किस तरह के प्रश्न होंगे और वह घबराई हुई भी थी. लेकिन, जब उसकी शिक्षिका सुनीता और नरेंद्र ने उसकी तैयारी शुरू की तो उसे सबकुछ आसान लगने लगा. बैंकिंग में बहुत कुछ है और उन्हें यह सब जानने का मौका मिला. छात्र काकुल ने बताया कि उसने ब्लॉक स्तर की प्रतियोगिता तो आसानी से पास कर ली थी लेकिन, जब वह जिला स्तर पर पहुंचा तो उसके सामने ऐसे बच्चे थे जिन्होंने ब्लॉक स्तर की प्रतियोगिता प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी. टीमों के बीच अच्छी प्रतिस्पर्धा हुई और खूब आनंद आया. अब आगामी 17 तारीख को चंडीगढ़ में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता है जिसकी तैयारी में वे जुटे हुए हैं.
सरकारी स्कूल में ही पढ़ाने चाहिए बच्चे
प्राचार्य रेखा रानी का कहना है कि जब उनके बच्चों ने ब्लॉक लेवल पास किया तो उन्हें उम्मीद थी कि उनके बच्चे इस लेवल को अच्छे से पास करेंगे और लेवल पार करेंगे. दोनों अच्छे हैं और प्रतियोगिता के लिए कड़ी मेहनत भी कर रहे हैं. छात्रों के पिता संदीप का कहना है कि लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों की बजाय निजी स्कूलों में पढ़ाते हैं लेकिन, अभिभावकों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही भेजना चाहिए.
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