करनाल | हरियाणा में भाजपा के साथ मिल कर सरकार बनाएं हुए जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की करनाल जिला इकाई से अध्यक्ष इंदरजीत सिंह गोराया ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए तीन नए कृषि कानूनों का विरोध प्रर्दशन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता से एकत्रित हो कर सभी किसानो के सामने बीते दिन मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
ऐसे में उन्होंने जिला अध्यक्ष के पद और पार्टी की सदस्यता से अपना बयान जारी करते हुए इस्तीफा दे दिया कि उन्होंने पहले उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जी से केंद्र पर ‘किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव डालने का अनुरोध किया था किन्तु, अब तक उनकी बात पर गौर नहीं किया गया है.
केंद्र, किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए ढूंढ रहा है तरकीबों…
वहीं, साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि ” इन कृषि कानूनों के विरूद्ध यह आंदोलन अब जनांदोलन का रुख कर चुका है परंतु, केंद्र की ओर से इनकी यानी हाल ही में लागू किए गए नए कानूनों की वापसी की किसानों की मांग पर गंभीरता पूर्वक ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में उन्होंने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि किसानों की मांगें मानने के जगह पर केंद्र 26 जनवरी अर्थात गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में घटी घटनाओं के बाद से इस आंदोलन को बदनाम करने की नई नई तरकीबें इस्तेमाल कर रहा है.
वहीं दूसरी ओर, केंद्र की तरफ़ से इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है ताकि दिल्ली के बॉर्डर एरिया से लोगों तक किसी भी प्रकार से फेक खबर ना पहुंचे. किसान सिंघु बॉर्डर के दिल्ली- हरियाणा राजमार्ग पर प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसे में सभी जिलों में शांति का माहौल बना रहे. अब कुछ लोगों द्वारा यह भी कहा रहा है कि यह फ़ैसला जनता के हित के लिए ही लिया गया है.
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