करनाल | हरियाणा राज्य के भीतर 12 जुलाई के बाद से मानसून की सक्रियता बढ़ी और बारिश देखने को मिली. भीषण गर्मी के बीच बारिश लोगों के लिए राहत लेकर आई लेकिन भारी बारिश के बाद जलभराव के कारण कई समस्याएं भी सामने आई. प्रदेश के भीतर अभी भी मौसम बारिशनुमा बना हुआ है और जलभराव से बिगड़ते हालातों के बीच कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने सड़कों पर उतर आई है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विधानसभा क्षेत्र स्मार्ट सिटी करनाल का इस साल की मानसून की पहली बारिश के बाद से ही जलभराव के कारण बुरा हाल है. हालात इतने गंभीर की शहर के लगभग सभी इलाकों में 2 से 3 फीट तक का पानी भर गया. घरों और दुकानों में पानी घुसने के कारण लोगों का भारी नुकसान हुआ. नगर निगम और प्रशासन के जलभराव से निबटने के लिए तमाम बड़े-बड़े दावे धरे के धरे रह गए.
सीएम के स्मार्ट सिटी करनाल जलमग्न हुआ तो कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता जिला संयोजक त्रिलोचन सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे. कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता नारे लगाने लगे- सीएम सिटी करनाल डूबी- मुख्यमंत्री जी त्यागपत्र दो, करनाल बना भ्रष्टाचार का अड्डा- मुख्यमंत्री जी त्यागपत्र दो, स्मार्ट सिटी का करोड़ों रुपए डूबा- सीएम हिसाब दो, करनाल वालों की क्या है गलती- मुख्यमंत्री जी जवाब दो. इस दौरान कांग्रेस की 51 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम डीसी के माध्यम से ज्ञापन भी भेजा. त्रिलोचन सिंह ने कहा, पानी के निकास कार्यों में भ्रष्टाचार और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में मुख्यमंत्री विफल रहे. इसके लिए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए.
पानी के गड्ढे में डूबने से दो बच्चों की मौत
करीब 2 दिन पहले ही करनाल से दो बच्चों की दर्दनाक मौत की खबर सामने आई थी. गांव उचानी में महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए गड्ढे खोदे गए थे. भारी बारिश के बाद गड्ढों में पानी भर गया. यही दो मौसेरे भाई खेलते-खेलते इन पानी से भरे गड्ढे में गिर गए और डूबने उनकी मौत हो गई.
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