करनाल | तिरंगे झंडे की बिक्री को लेकर राशन कार्ड धारकों को गुमराह करने वाले एक डिपो होल्डर के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उसका लाईसेंस निलंबित कर दिया गया है. प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि ऐसे मामले कहीं भी कोई मामला सामने आया तो डिपो होल्डर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. इस तरह की बातों से कोई भी व्यक्ति गुमराह न हो। जिसकी इच्छा हो, वह अपनी आवश्यकता के अनुसार झंडा खरीद सकता है.
करनाल डीसी अनीश यादव ने इस संबंध में बताया कि निसिंग खंड के गांव दादुपुर के साथ अटैच चिड़ाव-हेमदा का एक डिपो होल्डर राशन कार्ड धारकों को यह कहकर झंडे की बिक्री कर रहा था कि राशन लेने से पहले 20 रुपए का तिरंगा झंडा लेना जरूरी है अन्यथा राशन नहीं दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि जैसे ही यह मामला हमारे संज्ञान में आया है ,हमने तुरंत प्रभाव से लोगों को गुमराह करने वाले डिपो होल्डर के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया है.
According to this report, If poor ration card holders go to depot to get the ration for this month, they were asked to buy a tricolor flag of 20 rupees, No ration if you don’t buy Tricolour. Video from Karnal District, Haryana. pic.twitter.com/qntFy3oQL6
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) August 10, 2022
इसके साथ ही, करनाल डीसी ने आमजन से अपील करते हुए कहा है कि यदि कोई भी व्यक्ति इस तरह की बातों से गुमराह करता है तो तुरंत प्रभाव से उसकी सूचना जिला प्रशासन को दी जाएं. हमने उचित मूल्य की दुकानों और अन्य बिक्री केंद्रों पर स्वेच्छा से 20 रुपए की कीमत पर तिरंगा झंडा खरीदने के लिए उपलब्ध कराया है. आमजन की सहूलियत के लिए डिपो होल्डरों को, प्रशासन की ओर से 88400 झंडे उपलब्ध करवाए गए हैं. तिरंगा झंडा खरीदने को लेकर किसी पर भी कोई दबाव नहीं है, जिसकी इच्छा हो वह आवश्यकतानुसार खरीद सकता है.
करनाल जिले के हेमदा गांव में बिना तिरंगा लिए राशन नहीं देने के मामले में जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले नियंत्रक ने डिपो धारक के खिलाफ कार्रवाई की है। डिपो धारक की राशन सप्लाई तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दी गई है। यह कार्रवाई PDS कंट्रोल आर्डर-2009 के तहत की गई है। pic.twitter.com/259oEBSy92
— DPR Haryana (@DiprHaryana) August 10, 2022
डिपो होल्डर्स की अनेक बातें
जिला प्रशासन का कहना है कि राशन डिपो होल्डर को यह झंडे 20 रुपए में बेचने के लिए कहा गया था और इसकी राशि भी जमा करवाई गई थी. कुछ डिपो होल्डरों ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्हें प्रशासन से आदेश जारी हुए हैं कि राशन के साथ तिरंगा झंडा बेचा जाएं. जबकि कुछ डिपो होल्डरों का कहना हैं कि उन्होंने अपनी तरफ से किसी के आगे शर्त नहीं रखी थी कि झंडा लेने की शर्त पर ही राशन देंगे.
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