करनाल । नौकरीपेशा लोगों के लिए यह खबर बहुत जरूरी है क्योंकि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से नई व्यवस्था लागू की गई है और ऐसे में अब नो योर कस्टमर प्रकिया पूरी नहीं करने वाले कर्मचारियों को परेशानियों से जूझना पड़ सकता है. बता दें कि निधि संगठन ने सोशल सिक्योरिटी कोड-2020 के Section-142 में बदलाव करते हुए इलेक्ट्रॉनिक चालान कम रिटर्न दाखिल करने के प्रोटोकॉल में बदलाव किया है, जिसके चलते अब केवाइसी (KYC) प्रकिया पूरी नहीं करने वाले कर्मचारियों का अंशदान जमा नहीं होगा.
ईपीएफओ (EPFO) की ओर से पहले ही स्पष्टीकरण दिया गया था कि पीएफ अकाउंट में अंशदान जमा करने के लिए कर्मचारी का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर और आधार कार्ड लिंक करने के बाद सत्यापित होना आवश्यक है. करनाल में ईपीएफओ का क्षेत्रीय कार्यालय है, जिससे आठ जिलें संबद्ध है. इनमें करनाल सहित पानीपत, कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर और सोनीपत की आठ हजार कंपनियों के 3.59 लाख कर्मचारी पंजीकृत हैं.
संगठन के क्षेत्रीय आयुक्त जतिंदर कुमार ने बताया कि ऐसे कर्मचारियों की संख्या का आंकड़ा काफी बड़ा है जिनकी KYC प्रकिया पूरी नहीं हो सकी है. इस प्रक्रिया के तहत उनके पीएफ खातों से आधार कार्ड (Aadhar Card) के अलावा बैंक अकाउंट, मोबाइल और पैन नंबर आदि लिंक नहीं पाए गए. इसे देखते हुए नियोक्ता की ओर से पीएफ खाते में जमा होने वाला अंशदान रोका जा रहा है. इनमें उन कर्मचारियों की संख्या ज्यादा हैं, जिनकी नियुक्ति काफी पुरानी है. नई नियुक्ति में केवाईसी साथ-साथ अपडेट किया जा रहा है.
इसलिए जरुरी यह प्रकिया
पीएफ (PF) में जमा की गई राशि के साथ रिटायरमेंट के बाद पेंशन और मृत्यु के बाद बीमा लेने में लोगों को दस्तावेजों में दर्ज जानकारी और पीएफ अकाउंट में दर्ज जानकारी में सही मिलान नहीं होने के कारण काफी समस्याओं से जूझना पड़ता है. अधिकतर मामलों में उन्हें क्लेम ही नहीं मिलता और कर्मचारी या आश्रितों को बड़ी दौड़-धूप करनी पड़ती है.
इसी स्थिति के स्थाई समाधान के लिए केवाईसी को अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा समय पर अंशदान जमा नहीं करने वाले कर्मचारियों पर जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है. तमाम जरुरी दस्तावेज को लिंक करना होगा.
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