करनाल । करनाल के भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Wheat and Barley Research) के वैज्ञानिकों ने गेहूं की तीन नई किस्में बनाई हैं. भारतीय किसानों के लिए Good News है. इसके व्यवसायिक इस्तेमाल से किसान की इनकम बढ़ेगी, तो ये बीमारी रोधी और पोषण से भरपूर होगी. DWR ने गेहूं की तीन नई किस्में DBW-296, DBW-327 और DBW-332 रिलीज की हैं.
दरअसल वैज्ञानिकों की बनाई हुई ये तीनों गेहूं की किस्में हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए उत्पादन और पोषक तत्व के लिहाज से अच्छी मानी गई हैं. तो वहीं पहाड़ी क्षेत्र उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में भी इन किस्मों के अच्छे परिणाम सामने आए हैं.
क्या है नई किस्मों की ख़ासियत और फ़ायदा?
हरियाणा के करनाल स्तिथ गेहूं और जो अनुसंस्थान में बनी नई किस्मों में कई तरह की अच्छी ख़ास बातें हैं.
- तीनों ही किस्में पीला रतुआ रोधी हैं. इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी है.
- कृषकों को इन किस्मों को बीमारियों से बचाने के लिए पेस्टीसाइड पर खर्च भी नहीं करना पड़ेगा.
- अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह और फसल सुधार अन्वेषक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया है कि गेहूं की तीन किस्मों के अलावा जौ की DWRB-137 किस्म को भी रिलीज किया गया है जो हरियाणा, पंजाब सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्क्षेत्रों के लिए अनुमोदित की गई है.
- वहीं डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने आगे कहा है कि इन किस्मों का औसत उत्पादन 78.3 क्विंटल से लेकर 83 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक आंका गया है.
- DBW-327 यह किस्म रोटियों के लिए बहुत ही अच्छी मानी जा रही है. जबकि पोषक तत्वों से भरपूर इस किस्म में आयरन की मात्रा 39.4 PPM और जिंक की मात्रा 40.6 PPM है. यह पीला रतुआ रोधी किस्म मानी गई है.
प्रमुख मुख्य अन्वेषक फसल सुधार डॉक्टर ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया है कि किसानों को फसल बीजने से पहले मिट्टी की गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए यानी अच्छी फसल उगाने के लिए किसानों को गुणवत्ता और पोषण पर भी ध्यान देना होगा. किसान इन किस्मों को पैदा कर अपने व्यावसायिक इस्तेमाल से आय में वृद्धि कर सकते हैं, साथ ही इनमें कुछ ऐसी किस्में भी मौजूद हैं जो बिस्किट और ब्रेड के लिए सर्वोत्तम हैं. किसानों ने कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित बीजों को उत्पादन के लिए बेहतर बताते हुए कहा है कि सभी किसानों को इन किस्मों का प्रयोग करना चाहिए.
गौरतलब है हरियाणा में गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (DWR) ने गेहूं की 3 नई किस्में बनाई हैं. जो डीबीडब्ल्यू-296, डीबीडब्ल्यू-327 व डीबीडब्ल्यू-332 हैं. ये नई किस्में हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए उत्पादन और पोषक तत्वों के लिहाज से सर्वोत्तम मानी गई हैं. जबकि इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर 78.3 क्विंटल से लेकर 83 क्विंटल के बीच है, जोकि किसानों को धनवान भी बना सकती है.
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