करनाल | करनाल के कैमला में किसान महापंचायत के समय पर आंदोलन करने वाले लोगों की वजह से कैमरा गांव के लोगों के खेतों में खड़ी फसलों का जो भी नुकसान हुआ है, उसका मुआवजा सरकार दे सकती है. बीते सोमवार के दिन को प्रशासन ने सभास्थल के नजदीक व अन्य खेतों में जहां भी नुकसान हुआ उसकी सूची तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया है. इस मामले का जायजा लेने तहसीलदार रमेश अरोड़ा अपनी टीम के साथ गांव में भी पहुंचे थे.
अख़बारों ने निष्पक्षता से प्रकाशित किया, फसलों के नुकसान का मुद्दा
उन्होंने टूटे उपकरणों, सामान व लोगों द्वारा कुचली गई फसलों का निरीक्षण किया. ऐसे में इस मामले में जांच करते समय अधिकारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उनके मुताबिक़ हेलीपैड के नज़दीक लगभग तीन एकड़ फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है. फिल्हाल, बाकी फसल की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. इस मामले गिरदावरी का काम पूरा होने की उम्मीद है. आंदोलन के समय पर फसलों के नुकसान का मुद्दा सभी अख़बारों ने निष्पक्षता से प्रकाशित किया था. यही मुख्य कारण है कि अब प्रशासन की ओर से थोड़े ही समय के भीतर आकलन के लिए सर्वे भी शुरू हो गया है.
विधायक हरविंद्र कल्याण ने मुआवजे के लिए लगाई गुहार
बीते रविवार को काफ़ी बड़ी संख्या में धरना प्रदर्शन करने वाले किसान, हरियाणा के सीएम द्वारा आयोजित की गई किसान महापंचायत का विरोध करने के लिए घरौंडा के आउटर नाके से खेतों में गढ़ी मुलतान गांव की तरफ़ पैदल निकल पड़े थे. ऐसे में किसानों के इस प्रर्दशन को पूरा न होने देने के लिए, पुलिस की टीमें उनके पीछे आंसू गैस के गोले दागकर उनकी घेराबंदी में जुटी थी.
इस बीच कई स्थानों पर जैसे घरौंडा, गढ़ी मुलतान व कैमला गांव में फसलें पांवों तले कुचली गई थीं. उसके पश्चात विधायक हरविंद्र कल्याण ने नुकसान के मुआवजे के लिए उपायुक्त निशांत कुमार यादव के समक्ष अपनी बात रखी थी. उसके बाद तहसीलदार मौके पर मुआयना करने के लिए घटना स्थल पर पहुंचे थे.
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