करनाल | किसानों द्वारा किए जा रहे इस प्रदर्शन को काफी लोग अपने तरीके से सपोर्ट कर रहे हैं. ऐसे में कोई सम्मान व पुरस्कार को वापिस कर रहा है तो कोई लोगों को किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए दिल्ली में साथ चलने को कह रहा है. इसी आन्दोलन का एक अनोखा समर्थन हरियाणा (Haryana) में हों रही शादियों पर भी दिख रहा है.
हरियाणा व दिल्ली बार्डर पर डटे किसानों के समर्थन में यहां हरियाणा के जिला करनाल में अनूठा कदम उठाया गया. यही करनाल के सेक्टर छह में बारात लेकर निकला दूल्हा घर में खड़ी मर्सिडीज कार छोड़ कर ट्रैक्टर पर सवार होकर आगे शादी के स्थल पर पहुचां.
शगुन की पूरी राशि किसान आंदोलन में देने का लिया संकल्प
ऐसे में इस नज़ारे को देखने के बाद बारातियों ने भी ट्रैक्टरों (Tractor) पर सवार हो कर ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे लगाए. दूल्हे ने वहां घोषणा करते हुए कहा कि वह पत्नी को साथ लेकर जल्द ही किसानों के बीच भी पहुंचेगा. केवल इतना ही नहीं, इसके अतिरिक्त दूल्हा -दुल्हन ने अपनी शादी में मिली शगुन की पूरी राशि भी किसानों के आंदोलन में सहायता के रूप में देने की बात का भी ज़िक्र किया है.
भाई ने कहा, अनूठी शादी कर रच डाला इतिहास
सतबीर ढुल मूलत: कैथल के गांव पाई के निवासी हैं. पिछ्ले कुछ वर्षों से वह अपनी पत्नी सुशीला और पूरे परिवार के साथ करनाल के सेक्टर छह में निवास कर रहे हैं. सतबीर और सुशीला के बेटे सुमित बी टेक (B tech) करने के पश्चात जयपुर में अपना बिजनेस (Business) कर रहे हैं, और दूसरी ओर उनकी वधू लिपिका अहलावत नोएडा में एक मल्टीनेशनल कंपनी (MNC) में काम करती है.
सुशीला के भाई सुरेंद्र नरवाल ने संवाददताओं से बातचीत के समय पर कहा कि उनके परिवार में यह सचमुच एक अनूठी शादी है. जब सुमित और लिपिका को इस बारे में पता चला कि कई राज्यों के किसान इन दिनों अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं तो उन्होंने अपने- अपने परिवारों की खेतीबाड़ी से जुड़ी पृष्ठभूमि के चलते अलग ढंग से इस शादी करने का फ़ैसला लिया.
रात को सेक्टर छह स्थित आवास से बाकायदा चार ट्रैक्टरों पर बारात नूर महल बैंक्वेट हॉल के लिए निकली थी. ऐसे में खुद सुमित ने ट्रैक्टर का स्टेयरिंग थामकर इसे आगे की ओर बढ़ाया. सुमित ने घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने व लिपिका ने इस मामले में निर्णय लिया है कि जल्द ही एक दिन आंदोलनरत किसानों के बीच शामिल होंगे और उन्हें अपने शादी में मिलने वाले शगुन की राशि भी सहायता स्वरूप में सौंप पर आएंगे. हालांकि, दोनों का ही मानना है कि किसान देश को अन्न देने वाला है और यदि वह किसान ही संकट में है तो सबको उसकी मदद के लिए बढ़ चढ़ कर आगे आना चाहिए. बारात के समय पर ट्रैक्टरों के ऊपर भारतीय किसान यूनियन के झंडे लगे हुए भी नजर आए.
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