Karnal News: गरीब के साथ हुआ अन्याय, पुलिस से उठा भरोसा

करनाल | बहुत बार ऐसा देखा जाता है कि जो व्यक्ति गरीब है, उसे न्याय नहीं मिल पाता. किन्तु जो व्यक्ति अमीर होता है, या फिर जिसकी पहुंच ऊपर तक पुलिस से होती है उसे जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधि तक पहुंचने में बहुत ही कम समय लगता है. कानून अंधा होता है इस बात का सामना आज हम एक बार फिर से एक गरीब पिता ने कराया. उन्होंने बातचीत के दौरान हमें बताया कि पिछले 15 सालों से वह अपने बेकसूर 14 साल के मृत बेटे की हत्या के दोषियों को सज़ा दिलावाने के लिए हर संभव प्रयास किया अपितु न्याय उन्हे कहीं भी नहीं मिला.

Murder

पुलिस पर से भरोसा उठने की इस दास्तां को व्यतीत करते हुए गरीब पिता ने दर्द भरे शब्दों में बयान देते हुए कहा कि मैं अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए वर्ष 2005 से भटक रहा हूं. कोहंड के निवासी प्रीतम सिंह कक्षा नौ के छात्र रहे अपने मासूम बेटे अमित कुमार को खोने के गम में इस कदर टूट चुके हैं कि हर किसी को बेटे की फोटो दिखाते ही रो पड़ते हैं. रोते हुए एक ही सवाल पूछते है कि आखिर उसके बेटे का क्या कुसूर था कि उसे मौत के बाद न्याय भी नहीं मिल सकता.

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उन्होने बताया कि अगर देश के किसी भी कोने में प्रतिष्ठित परिवार की संदिग्ध मौत से पूरा सिस्टम हिल जाता है, उसी देश में एक गरीब पिता को अपने बेटे की हत्या के आरोपितों पर कार्रवाई करवाने के लिए जिदगी भर दर- दर भटकना पड़ता है. न्याय दिलाना तो दूर हर कोई उसे दबाने व धमकाने का ही प्रयास करता है. ऐसे हालात में तो अब जीने की भी इच्छा नहीं रहती. दिन भर सड़कों पर भटकने के बाद रात को घर जाते हैं तो वहां भी एक ही सवाल पूछा जाता है कि कहीं सुनवाई हुई या नहीं? यह सुनते ही वह अपनी बेबसी पर अंदर ही अंदर रोने लगते हैं.

यह है मामला

हरियाणा सचिवालय में सहायक पद पर सेवानिवृत प्रीतम बताते हैं कि उनके 14 साल के बेटे अमित कुमार का किसी साजिश के चलते पांच नंवबर 2005 को कुछ लोग शाम सात बजे के करीब अपहरण कर ले गए थे. साथ ही, अगले दिन उसका शव कोहंड-पानीपत के बीच रेलवे लाइन पर नग्न हालत में पड़ा मिला. उन्हें पूरा यकीन है जताते हुए कहा कि उसकी बेरहमी से हत्या की गई थी. लेकिन, इस हत्या को रेल हादसा दिखाने के लिए शव ट्रैक पर फेंक दिया गया था. इस सब के पीछे एक सेवानिवृत पुलिसकर्मी का हाथ रहा है, तो वहीं साजिश के तहत उसके शव का पानीपत के सिविल अस्पताल में एक पूर्व विधायक ने पोस्टमार्टम तक नहीं होने दिया. इसके बाद वह संबंधित एस. एच .ओ से लेकर एस .पी, आइ. जी, डी. जी .पी व मुख्यमंत्री को भी न्याय की गुहार लगा चुके हैं. किन्तु आरोपितों पर वर्ष 2007 में हत्या का केस दर्ज किया गया लेकिन, कार्रवाई आज तक नहीं हो पाई. इसके बाद उन्हें ही धमकी दी जाने लगी. यही कारण है कि उन्हें अपना पुश्तैनीक गांव तक छोड़कर दूसरे शहर में रहने को मजबूर होना पड़ा.

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प्रीतम सिंह के मुताबिक वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, डीजीपी के अलावा मानव अधिकार आयोग को भी दर्जनों बार पत्र लिख चुके हैं. यहां तक कि तीन मार्च 2007 को प्रधानमंत्री कार्यालय से मामले को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव को शिकायत पत्र के साथ कार्रवाई के लिए पत्र भी भेजा गया, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. आरोपित आज भी बाहर खुले आम घूम रहे हैं.

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सीबीबाइ जांच पर ही भरोसा

प्रीतम सिंह का कहना है कि उन्होंने अब फिर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के अलावा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी पत्र लिखा है, जिसमें मामले की जांच सीबीबाइ द्वारा कराए जाने की गुहार लगाई है. उन्हे हरियाणा पुलिस पर अब भरोसा नहीं रहा है. सीबीआइ जांच करे तो इस मामले को दबाने वाले कई बड़े लोग भी बेनकाब हो सकते हैं साथ ही, मेरे बेटे को भी इंसाफ मिलेगा.

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