इंद्री । आपको अक्सर जलघरों या फिर किसी सार्वजनिक जगह पर कहावतें पढ़ने को मिलती हैं कि ‘जल हैं तो कल है’, ‘जल अनमोल हैं’. लेकिन इन कहावतों का अर्थ असली मायने में वही जानता है जो पानी की कमी झेल रहा होता है. हम यहां करनाल जिले के एक गांव की बात कर रहे हैं जहां पानी की कमी गांव के लिए अभिशाप बन गई है.
जी हां, करनाल जिले के इंद्री हल्के के इस गांव का नाम हिनोरी डेरा हैं, जहां पर कुंवारे लड़कों की संख्या का आंकड़ा इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि गांव में पेयजल उपलब्ध नहीं है. इस गांव की महिलाओं को पानी लाने के लिए कोसों दूर का सफर तय करना पड़ता है. कोई मां-बाप यह नहीं चाहेगा कि शादी के बाद उसकी बेटी को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़े. इसी के चलते गांव में कुंवारे लड़कों की तादाद बढ़ रही है.
गांव की महिलाएं व पुरुषों ने अपनी इस समस्या को लेकर जिला सचिवालय के बाहर प्रदर्शन भी किया लेकिन समस्या अभी भी ज्यों की त्यों बनी हुई है. बता दें कि 50 परिवारों का यह गांव पश्चिमी यमुना नहर से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित है. जब नहर में पानी रहता है तो इनके हैंडपंपों में पानी आ जाता है और जैसे ही नहर सूख जाती है तो गांव वालों को पीने के पानी के लाले पड़ जाते हैं.
अपने खर्चे पर लगवाया हैंडपंप
बता दें कि सरकारी ट्यूबवेल, पब्लिक हेल्थ की पाइप लाइन इस गांव में नहीं है. ग्रामीणों ने अपने निजी खर्चे से हैंडपंप लगवाएं थे लेकिन हैंडपंप में गंदा पानी आने के कारण यह पानी पीने योग्य नहीं होता है. गांव में पानी की उपलब्धता न होने के चलते ही इस गांव में लोग अपनी बेटी की शादी करने से कतरा रहे हैं क्योंकि किसी भी मां-बाप को यह मंजूर नहीं है कि शादी के बाद उसकी बेटी को कई सौ मीटर दूर से सिर पर पानी ढोकर लाना पड़े.
अधिकारी बोले- जानकारी नहीं
वहीं जब इस मामले को लेकर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो वह ऑफिस में नहीं मिलें. जब फोन पर उन्हें इस गांव में पानी की किल्लत के बारे में बताया गया तो अधिकारी ने जवाब दिया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. वहीं दूसरी ओर सरकार व प्रशासन की बेरुखी के चलते ग्रामीण अपने बेटों के रिश्तों को खत्म होता देख रहे हैं.
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