करनाल | हरियाणा के करनाल में शामगढ़ स्थित आलू प्रौद्योगिकी संस्थान ने एरोपॉनिक तकनीक से आलू की नई किस्म “कुफरी उदय” के बीज को तैयार किया है. उन्नत किस्म के इस बीज से जहां बंपर पैदावार होगी, तो वहीं गुणवत्ता भी उच्च स्तर की होगी. जल्द ही किसानों को इस किस्म का बीज उपलब्ध कराया जाएगा.
बिना मिट्टी आलू का उत्पादन
प्रौद्योगिकी संस्थान के डाक्टर जितेन्द्र कुमार ने बताया कि संस्थान द्वारा एरोपॉनिक तकनीक से आलू की नयी किस्म कुफरी उदय को तैयार किया गया है. इस तकनीक के जरिए बिना मिट्टी के आलू तैयार किया जा रहा है. अगर किसी किसान भाई के पास अपना खेत नहीं है, तो भी आलू की फसल ली जा सकती है. एरोपॉनिक विधि से संस्थान करीब 6 लाख मिनी ट्यूबर तैयार करेगा जो इस साल किसानों को बीज के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा.
क्या है ये तकनीक
एरोपॉनिक खेती की ऐसी तकनीक है जिसमें मिट्टी के बिना हवा में पौधे उगाये जाते हैं. इसमें पौधों की रोपाई एरोपॉनिक ढांचे में की जाती है जो जमीन की सतह से उपर होती है. पौधों की जड़े हवा में ही लटकती रहती है. जड़ों के जरिए ही पोषक तत्व पहुंचाया जाता है. पोषक तत्वों का जड़ों पर स्प्रे किया जाता है, इससे पौधों को पूरा पोषण मिल जाता है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि एरोपॉनिक फार्मिंग से आज बेहतर रिजल्ट सामने आ रहे हैं. अगर आप आलू की खेती के बारे में अधिक जानना चाहते है तो यह लेख पढ़ सकते है.
कुफरी उदय किस्म की खासियतें
उन्होंने बताया कि इस किस्म आलू की अन्य किस्मों से उत्पादन और गुणवत्ता के मामले में ज्यादा बेहतर है. यह पिंक कलर का होता है जिसकी मार्केट में खासी मांग रहती है. इस किस्म से फसल लगभग 65 दिनों में तैयार हो जाती है और अन्य किस्मों से कही ज्यादा न्यूट्रीशन की मात्रा होती है. इस किस्म से पैदावार में लगभग पांच गुना तक वृद्धि हो सकती है.
कैसे मिलेगा बीज
जितेन्द्र कुमार ने बताया कि कुफरी उदय किस्म की बीज लेने के लिए संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर संपर्क किया जा सकता है या फिर सीधे सेंटर में आकर भी ले सकते हैं. फरवरी के अंतिम दिनों में यह बीज तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अच्छी पैदावार और अच्छी गुणवत्ता की फसल तैयार हो, इसके लिए संस्थान द्वारा उच्च कोटि के बीज तैयार किए जा रहे हैं.
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