करनाल के इस शिव मंदिर में सावन के महीने में लगता है भक्तों का तांता, पांडवों ने यही की थी कभी अस्त्र- शस्त्र पूजा

करनाल | हरियाणा के करनाल जिला स्थित तरावड़ी के नजदीक स्थित गांव पूजम में ऐतिहासिक शिव मंदिर के प्रति लोगों की अटूट श्रद्धा है. गांव ही नहीं बल्कि आसपास के इलाकों के लोग भी इस मंदिर में भगवान शिव की आराधना के लिए आते हैं. खास तौर पर सावन के महीने की शुरुआत होते ही इस महाभारत कालीन शिव मंदिर में श्रद्धालु भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए आते रहते हैं. इन दिनों सुबह से ही भक्तों की लंबी- लंबी लाइन देखने को मिल जाती हैं.

Pujam Shiv Mandir

पांडवों ने यहीं की थी पूजा

ऐसी मान्यताएं हैं कि महाभारत काल के दौरान पांडवों ने कौरवो पर विजय हासिल करने से पहले अपने अस्त्र- शस्त्रों की यहीं पूजा की थी. इस विषय में जानकारी देते हुए गांव के सरपंच जॉनी शर्मा ने बताया कि भगवान शिव के इस मंदिर का महाभारत काल से जुड़ाव होने के कारण इसे काफी पूजनीय माना जाता है. काफी समय पहले यहां एक प्राचीन तालाब था, जिसे अब आधुनिक रूप दे दिया गया है.

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गांव वालों द्वारा करवाया गया मंदिर का निर्माण

आश्रम के महंत जयरामदास इस विषय में जानकारी देते हुए बताते हैं कि इस गांव की धरती पर कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवों का युद्ध शुरू होने से पहले पांडवों द्वारा अपने अस्त्रों- शस्त्रों की पूजा की गई थी. मंदिर में सेवा करने वाले मोहित शर्मा और अन्य भक्त बताते हैं कि कई साल पहले यही बाबा रामगीर आकर रहने लगे थे. उन्होंने सर्दियों के समय में तालाब में पूजा आराधना की. वह गर्मियों में धुना लगाकर तपस्या करते थे. बाद में गांव वालों द्वारा यहां पर मंदिर का निर्माण करवा दिया गया.

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भंडारे का भी किया जाता है आयोजन

सेवादार मोहित ने बताया कि शिवरात्रि के पर्व पर सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ लगती है. जलाभिषेक करने के लिए भक्तों को लाइनों में काफी देर इंतजार भी करना पड़ता है. यहां भंडारे का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें लोग बढ़- चढ़कर हिस्सा लेते हैं. सावन के महीने में भक्तों द्वारा भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है. वहीं मंदिर प्रबंधन की तरफ से रुद्राभिषेक के लिए विशेष प्रबंध किए जाते हैं.

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हर सोमवार को मंदिर में महिला संकीर्तन मंडल की तरफ से भजन कीर्तन किया जाता है, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. सभी को देसी घी के मालपुड़े और खीर बाँटी जाती है. अबकी बार भी कावड़ियों के लिए यहां विशेष इंतजाम किए जाएंगे.

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