करनाल | हिंदुस्तान में धान का कटोरा के नाम से छत्तीसगढ़ राज्य मशहूर है, लेकिन आज के दिन हरियाणा को लेकर भी ऐसी ही मान्यता हो गई है. जी हां, हम यहां करनाल जिले के तरावड़ी शहर का जिक्र कर रहे हैं, जो चावलों की नगरी के रूप में प्रसिद्धि हासिल कर चुका है. इसलिए इस क्षेत्र की पहचान अब देश में धान का दूसरा कटोरा के नाम से होने लगी है.
चावल की कई वैरायटी
चावल कारोबारी प्रवीण गर्ग ने बताया कि तरावड़ी में बासमती चावल की कई वैरायटी देखने को मिलेगी. यहां पर चावलों की अलग- अलग किस्में जैसे बासमती, रेड राइस, ब्राउन राइस आदि देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मशहूर है. यहां 150 के करीब चावल मिल है. इसी कारण तरावड़ी में दूरदराज़ क्षेत्रों से लोग काम करने आते हैं.
विदेशों तक पहुंची महक
उन्होंने बताया कि तरावड़ी के चावलों की महक विदेशों तक पहुंच चुकी है. दुबई में हर साल इंटरनेशनल गल्फ फूड मेले का आयोजन होता है और इसमें बड़ी संख्या में दुनियाभर के चावल कारोबारी शिरकत करते हैं. तरावड़ी के चावल कारोबारी भी इस मेले में अपनी- अपनी स्टॉल लगाते हैं.
प्रवीण गर्ग ने बताया कि बहुत से कारोबारी करनाल के तरावड़ी का चावल अपने देशों में एक्सपोर्ट करवाते हैं. यहां के चावल की गुणवत्ता सबसे बेहतर है और यही वजह है कि सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी तरावड़ी के चावल का डंका बज रहा है. इस चावल का खाने में स्वाद बेहद खास है. इसकी महक से ही लोग इसे पहचान लेते हैं.
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