पानीपत | शहर में 9850 नई स्ट्रीट लाइट सरकार द्वारा लगने जा रही हैं. दावों के अनुसार अगर लाइट की गुणवत्ता सही रही तो यह बारिश में हो या आंधी में, वोल्टेज अपनी लेवल से ज्यादा हो या लो शहर में लगने जा रही, यह नई स्ट्रीट लाइट किसी भी स्थिति में खराब नहीं होगी. इस तरह की नई उम्मीद व अच्छी सुविधा से ही शहरवासी प्रसन्न हो जाते हैं, किन्तु आज तक ऐसा माना गया है कि लाइट लगाने के नाम पर नगर निगम में बड़े- बड़े स्तरो पर घोटाले हुए हैं. किंतु, मुंबई से लाइट की गुणवत्ता का टेस्ट देखकर वापिस आए, पार्षद दुष्यंत भट्ट जी का कहना हैं कि पहली बार निगम में यह बहुत अच्छा काम होने जा रहा है.
शहर में पसरा अंधेरा होगा, अब ख़त्म
पार्षद दुष्यंत भट्ट जी ने वार्ता को लेकर कहा कि क्वालिटी की टेस्टिंग के लिए सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त लैब में जिस तरह की जांच हुई, ऐसा पहली दफा देखने को मिला है. साथ ही साथ ,इस दौरान में पांच साल तक कंपनी के द्वारा गारंटी प्रदान करवाई जा रही है, अगर खराब हुई तब कंपनी को ही इसे ठीक करके देना होगा या फिर बदलकर देना होगा. यही कारण है कि पानीपत का मॉडल को ही अब पूरे प्रदेश में लागू किया जा सकता है. इसी प्रकार की लाइट अब दूसरे जिले में भी लगाई जाएंगी. उम्मीद की जा है कि शहर में पसरी अधेरे की समस्या जल्द ही जड़ से खत्म हो जाएगी.
मशीन में डालकर कुछ यूं हुआ, डस्टिंग टेस्ट
सरकार द्वारा अप्रूव लैब में 40 डिब्बों में स्ट्रीट लाइटें रखी गई थी. हमे किन्हीं तीन डिब्बों में हाथ लगाने के लिए कहा गया था. तीन डिब्बों से तीन -तीन लाइटें निकाली गई, और सभी लाइटों को मशीन में फिट किया. उसके पश्चात्, फिर लाइट जला कर उस पर मशीन के अंदर ही एक घंटे तक धूल छोड़ी गई. इस सबके बाद, अंत में मशीन से निकालने के बाद इन्हें, कोई नुकसान नहीं हुआ.
गर्म लाइट पर डाला गया पानी का प्रेशर
डस्टिंग टेस्ट के पश्चात् अब बारी आई प्रेशर टेस्ट की, जहां गर्म लाइट पर ही तेज़ी से पानी के फव्वारे से डाले जाने लगे. लगभग आधा घंटा तक पानी डालने के बाद भी लाइट की हालत ट्स से मस नहीं हुईं, वे जलती रही. इससे यह सिद्ध हो जाता है कि पानी में भी लाइट बंद नहीं होगी. साथ ही जब लाइट जलते हुए गर्म हो जाती है, तब उस हालत में पानी पड़ने पर भी लाइट खराब नहीं होगी.
लाइटों को अलग- अलग वोल्टेज पर किया गया टेस्ट, सभी टेस्ट किए पास
स्ट्रीट लाइट को हाई व लो दोनों वोल्टेज पर जलाया गया, जिससे पता चल सके कि जब वोल्टेज अधिक या निम्न हो तब लाइट पर इसका कोई असर पड़ेगा भी या नहीं. भट्ट ने संवादाताओं से बातचीत के समय कहा कि पहले 70 वोल्ट पर लाइट जलाई गई थी. उसके पश्चात् इसे 300 वोल्ट कर दिया गया , किन्तु अंत तक यह लाइट जलती रही. फिर , 300 वोल्ट से भी आगे किया, फिर यह लाइट अपने आप बंद हो गई.
1.94 करोड़ रुपए हुए ख़र्च
शहरी विधायक प्रमोद विज जी के प्रयत्नों के बाद ही अब शहर में 1.94 करोड़ रुपए की लागत से 9850 नई स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही हैं. क्रॉम्पटन कंपनी को लाइट लगाने का पुरा ठेका दिया गया है. इनकी, मुंबई स्थित सरकारी मान्यता प्राप्त लैब में टेस्टिंग की जांच करने के हेतु, यहां से नगर निगम के दो पार्षद दुष्यंत भट्ट जी व रविंद्र भाटिया जी के साथ ही निगम के एक जे ई गए थे.
अलग अलग वाट वाली लाइटें लगाई जाएगी, शहर में
- 30 वाट 30 वाट की 7250 स्ट्रीट लाइटें शहर में लगाए जानें का निर्णय लिया जा रहा है. एक स्ट्रीट लाईट की कीमत 1532 रुपए आंकी जा रही है.
- 50 वाट 50 वाट की 1700 स्ट्रीट लाइट लगाई जाने का प्रयत्न किया जा रहा है. एक स्ट्रीट लाइट की कीमत 3008 रुपए है.
- 72 वाट 72 वाट वाली 1000 स्ट्रीट लाइट एरिया में लगाई जा रही है. एक स्ट्रीट लाइट की कीमत कंपनी ने 3243 रुपए ली है.