करनाल | हरियाणा में धान उत्पादक किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है. केन्द्र सरकार के आश्वासन के बाद चावल निर्यातकों ने किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए बासमती धान की खरीद एक बार फिर शुरू कर दी है. एजेंटों की मानें तो सरकार ने चावल निर्यातकों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांग पर शीघ्र ही सकारात्मक फैसला लिया जाएगा.
बता दें कि चावल निर्यातक और किसान सरकार द्वारा बासमती के न्यूनतम निर्यात मूल्य बढ़ाकर 1200 डॉलर प्रति टन करने का विरोध करे रहे थे. प्रदेश के आढ़ती और मिलर्स भी उनके समर्थन में आ गए थे. बासमती निर्यातकों के मंडियों से खरीद करने वाले एजेंट अजय गुप्ता ने बताया कि निर्यातकों का यह फैसला किसानों के हित में था.
उन्होंने बताया कि निर्यातकों द्वारा खरीद बंद करने से स्थानीय मिलरों ने बासमती के दाम 300 से लेकर 400 रुपये प्रति क्विंटल तोड़ दिए थे, जिसका सीधा नुकसान किसानों को हो रहा था. अब निर्यातकों ने खरीदारी फिर से शुरू कर दी है तो किसानों को बाजार मूल्य के अनुसार अच्छा भाव मिलने लगा है.
भाव में फिर से तेज़ी
गुप्ता ने बताया कि इस समय हाथ से कटी 1692 व 1509 किस्म के दाम 3600 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है जबकि इसी किस्म का कंबाइन से निकाला गया धान का भाव 3400 रूपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. इसी प्रकार 1847 के हाथ से कटे धान के लिए 3250 रुपये प्रति क्विंटल तथा कंबाइन से कटे धान के 2950 रुपये प्रति क्विंटल के भाव हैं.
निर्यातक एजेंट अजय ने बताया कि पहले 1121 के तहत आने वाली बासमती किस्मों 1509, 1692 व 1847 के भाव मात्र 3600-3700 रुपये तक ही बोले गए, जो पिछले सीजन मेंं 2900-3000 तक थे. उन्होंने बताया कि हाथ से कटा धान एकदम सूखा मिलता है और उसकी खूशबु भी बरकरार रहती है, जबकि कंबाइन से कटे धान में नमी रहती है और उसकी खूशबू प्रभावित होती है.
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