करनाल: किसानों और प्रशासन के बीच नहीं बनी सहमति, किसान नेताओं की मौजूदगी में हजारों किसानों ने डाला लघु सचिवालय के सामने डेरा

करनाल । नई अनाज मंडी में हुई महापंचायत के बाद किसान संगठनों से जुड़े आंदोलनकारी किसानों ने अपने ऐलान के मुताबिक देर शाम लघु सचिवालय का घेराव कर लिया. रात भर किसान संगठन के शीर्ष नेतृत्व के साथ आंदोलनकारी किसानों ने वही पर डेरा डाला हुआ है. किसानों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था भी वही की गई. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने यहां पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है . सरकार को बात करनी है तो यहां आकर करें.

Karnal Mahapanchayat Kisan
बता दें कि अनाज मंडी में आयोजित हुई किसान महापंचायत में तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों से जुड़े आंदोलनकारी नेता देश व प्रदेश की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए नजर आए. कई घंटों तक हाई-वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला और किसान व जवान आमने-सामने होने की नौबत आई. इसी बीच बेहद तनावपूर्ण स्थिति के बीच जब प्रशासनिक अधिकारियों से किसान नेताओं की तीन दौर की बातचीत बेनतीजा रही तो महापंचायत के मंच से लघु सचिवालय के घेराव का ऐलान कर दिया गया.

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शाम को पहुंचे लघु सचिवालय

इसी के साथ हजारों की संख्या में आंदोलनकारी किसानों की भीड़ रास्ते में तमाम पुलिस के सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए शाम करीब छह बजे लघु सचिवालय के गेट पर जमा हो गए. इस बीच पुलिस प्रशासन की ओर से उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का भी प्रयोग किया गया लेकिन भारी तादाद में आएं किसान नही रुके. कल प्रशासन की तरफ से खास बात यह रही कि अनाज मंडी से लेकर लघु सचिवालय तक के रास्ते में कही पर भी किसानों पर बल प्रयोग नहीं किया गया.

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टिकैत और चढूनी ने की अगुवाई

ब सात बजे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत और भाकियू अध्यक्ष गुरनाम चढूनी के नेतृत्व में आंदोलनकारी किसान लघु सचिवालय के गेट के आगे बैठ गए. बीते दिनों बसताड़ा टोल टैक्स पर किसानों पर हुएं लाठीचार्ज मामले में किसान नेताओं के निशाने पर करनाल के तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा पर सख्त कार्रवाई समेत अन्य मांगों को लेकर मंगलवार सुबह से ही हजारों की संख्या में किसान करनाल अनाज मंडी में आयोजित महापंचायत में जुटना शुरू हो गए थे. प्रशासन की ओर से बातचीत का न्यौता मिलने पर 11 सदस्यीय किसान नेताओं का दल जिसमें गुरनाम चढूनी, राकेश टिकैत , बलबीर राजेवाल, योगेन्द्र यादव, दर्शनपाल,अजय राणा, रामपाल चहल, सुखविंदर सिंह, विकास सिसर, सुरेश कोथ व इंद्रजीत सिंह थे.

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करीब तीन घंटे तक प्रशासन व किसान नेताओं के बीच तीन दौर की वार्ता हुई जो विफल रही. बातचीत बेनतीजा रहने पर शाम पांच बजे बलबीर राजेवाल ने मंच से लघु सचिवालय के घेराव का घेराव का ऐलान किया. जिसके बाद हजारों की संख्या में किसानों की भीड़ लघु सचिवालय की तरफ बढ़ने लगी. नमस्ते चौक पर किसानों की भीड़ को रोकने के भरसक प्रयास किए गए लेकिन किसान नही रुके. इसके बाद किसानों की भीड़ ने निर्मल कुटिया चौक पर लगी बेरिकेडिंग को तोड़ते हुए सेक्टर-12 पर लगें नाके को भी पार किया. दोनों जगहों पर किसानों को रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया . देखते ही देखते किसानों का बड़ा जत्था लघु सचिवालय के गेट पर जमा हो गया.

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