पंचकुला| मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वित्त एवं राजस्व कार्यालय के अधिकारियों को जनवरी तक संपूर्ण प्रदेश में सभी जिलों में जमीनों के कलेक्टर रेट तय करने के आदेश जारी किए हैं. यह कलेक्टर रेट हर साल तय होंगे. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि डीसी रेट निश्चीत करने के लिए पूरे प्रदेश में एक समान पद्धति बनाई जानी चाहिए.
संपूर्ण प्रदेश में बहुत अधिक ज़िले व तहसीलें ऐसी हैं, जहां जमीनों के रेट अधिक हैं किन्तु कई जिले व तहसीलें ऐसी हैं, जिनमें रेट कम हैं.
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री के पद का कार्यभार संभालने वाले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जी ने भी अधिकारियों को इस मामले में तेजी से कार्रवाई के करने के आदेश दिए है. वित्त एवं राजस्व विभाग के आलावा मुख्य सचिव संजीव कौशल जी के अनुसार जिला व तहसील स्तर पर जमीनों के कलेक्टर रेट तय करने की दिशा में काम को तेज़ी शुरू कर दिया गया है. इसके लिए एक जनवरी से साल शुरू होगा, हमारे द्वारा 31 मार्च 2021 तक जमीनों के रेट निर्धारित किए जाएंगे. अगले साल से फिर जनवरी से दिसंबर तक कलेक्टर रेट तय होंगे.
आइए जानते हैं पुरा प्रोसेस:
•इस विषय में कौशल के अनुसार तहसील स्तर पर जमीनों के कलेक्टर रेट तय करने के लिए कमेटियां बनाई जाएंगी.
• इन कमेटियों में अधिकारी, प्रापर्टी डीलर, जमीन विशेषज्ञ, बाजार के जानकार तथा कुछ संभ्रांत लोग शामिल होंगे.
• इसके अलावा इन रेट को जन सुनवाई के लिए पब्लिक डोमेन में डाला जाएगा. लोगों से एक माह तक उनके सुझाव तथा आपत्तियां मांगी जाएंगी.
•आखिर में डीसी रेट फाइनल कर दिए जाएंगे. यह रेट फाइनल अप्रूवल के लिए वित्त एवं राजस्व विभाग के पास पहुंचेंगे.
•फिर स्क्रूटनी होगी तथा आकलन के बाद इन्हें मंजूरी मिलेंगी और अब पांच लाख रुपये की जमीन को दो लाख की कहकर नहीं होगी रजिस्ट्री.
इन कलेक्टर रेट के बारे में तहसीलवार विभाग के पोर्टल पर भी संपूर्ण जानकारी होगी. साथ ही पूरे राज्य की एक पुस्तिका होगी,जिसमें सभी तहसील और उसमें आने वाले गांवों में जमीनों के कलेक्टर रेट तय होंगे.
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