कुरुक्षेत्र प्रशासन ने पराली जलाने पर लगाया एक लाख का जुर्माना, पराली प्रबंधन पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि

कुरुक्षेत्र | हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पर्यावरण को बचाने के लिए भूमि के कीट मित्रों के साथ-साथ भूमि की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखने के लिए किसानों को लगातार पराली न जलाकर पराली के प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जा रहा है. कुरुक्षेत्र के उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य है कि किसान पराली का प्रबंधन करें और प्रति माह 1,000 रुपये का आर्थिक लाभ प्राप्त करें और प्रशासन का उद्देश्य किसानों पर जुर्माना लगाना नहीं है. हालांकि, प्रशासन के बार-बार अनुरोध और अपील के बावजूद जो किसान अब भी पराली में आग लगा रहे हैं उन किसानों पर शासन के नियमानुसार जुर्माना भी लगाया जा रहा है.

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डीसी शांतनु शर्मा ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है कि पराली और अवशेषों में आग लगाने की बजाय पराली का प्रबंधन कर आर्थिक लाभ लिया जा सकता है. पराली प्रबंधन के लिए सरकार की ओर से एक हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. इसके साथ ही जो किसान इस वर्ष धान की गैर-बासमती और बासमती किस्मों में हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रिवर्सिबल हल, जीरो टिलर, रोटावेटर, हेरा आदि भूमि में पराली के अवशेष मिलाएगा उसे भी प्रोत्साहन राशि 1 हजार प्रति एकड़ दी जाएगी.

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इस पोर्टल पर कराएं पंजीकरण

पंजीकृत किसानों द्वारा पराली प्रबंधन के कार्यों का पोर्टल पर सत्यापन ग्राम स्तरीय समिति द्वारा किया जायेगा. तत्पश्चात उपायुक्त कुरुक्षेत्र की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन के बाद पात्र किसानों को प्रोत्साहन राशि का लाभ दिया जाएगा. इसके लिए किसान विभागीय पोर्टल agriharyana.gov.in पर पंजीकरण कराएं. इस पोर्टल पर पंजीकरण करने से पहले किसान को मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है.

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अभी तक लगाया एक लाख तक का जुर्माना

सैटेलाइट से मिली लोकेशन के मुताबिक कृषि विभाग की टीम ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. प्रशासन का उद्देश्य इन किसानों पर जुर्माना लगाना नहीं था बल्कि, इन किसानों को पराली प्रबंधन कर प्रति एकड़ 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि पर ध्यान देना था. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग की ओर से किसानों को 50 से 80 प्रतिशत अनुदान पर कृषि मशीनरी भी उपलब्ध करायी जा रही है.

इस योजना के तहत पिछले वर्ष तक उपमंडल पिहोवा में 105, शाहबाद में 18, थानेसर में 21 और लाडवा में 10 फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत किसानों को स्ट्रॉ बेलर प्रदान किया गया है. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार पराली को मिट्टी में मिलाने के लिए उपयोगी सुपर मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं जिसमें पिहोवा में 196, लाडवा में 152, शाहबाद में 400 और थानेसर में 376 शामिल हैं.

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आगे कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जिला कुरुक्षेत्र में स्थित गौशालाओं को धान की पराली उठाने के लिए परिवहन की लागत के बदले 500 रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता प्रदान की जाएगी. इस गौशाला के लिए अधिकतम सहायता सीमा 15,000 रुपये होगी. गौशाला का गौशाला सेवा आयोग में पंजीयन होना अनिवार्य है.

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