कुरुक्षेत्र | गीता की नगरी कुरुक्षेत्र में सरस्वती नदी किनारे पिहोवा के गांव धनीरामपुरा में एक प्राचीन घाट मिला है. बता दे इसके साथ यहां पाव के निशान भी मिले हैं. माना जा रहा है कि यह पाव सरस्वती मां के हैं. वही दावा किया गया है कि पुराणों में यहां अरुणा, वरुणा और सरस्वती नदी का संगम था. इस घाट की वास्तविकता को जानने के लिए पुरातत्व विभाग का सहयोग लिया जाएगा.
जानिए पिहोवा के गांव धनीरामपुरा के प्राचीन घाट के बारे में
विशेषज्ञों का कहना है कि यह घाट 14000 वर्ष पुराना है. हरियाणा सरस्वती हेरीटेज विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किर्मच मंगलवार को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे. स्थानीय लोगों के साथ घाट का दौरा किया. साथ ही, इस घाट पर काफी पुरानी ईटे भी मिली है. एक हिस्से में खुदाई करने पर घाट की पौड़ी मिली है. इसके साथ पेड़ों की बीच में पांव के निशान भी मिले हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पाव सरस्वती मां के हैं. स्थानीय लोगों के दावे पुरातत्व विभाग के सर्वे में सही पाए जाते हैं. वही विकल कुमार चौबे ने बताया कि सरस्वती नदी किनारे पुराना घाट बताया गया था. अरूणाई मंदिर के प्रबंधक भूषण गौतम ने बताया कि 1995- 96 में यहां पर बगलामुखी मंदिर बनाने का प्रयास किया गया था.
महंत बंसी पुरी महाराज ने प्रारंभिक खुदाई में घाट मिलने पर काम बंद करवा दिया था. यह काफी पौराणिक विषय है सरस्वती नदी के किनारे पुरातत्व विभाग से भी जांच कराई थी. भद्रकाली मंदिर के नजदीक भी एक घाट मिला है. पुरातत्व विभाग इसे 6000 साल पुराना बता रहा है.
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