कुरुक्षेत्र | धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां महाभारत कालीन प्राचीन ‘विष्णु कूप’ मिला है. दावा किया गया है कि हजारों साल पुराने प्राचीन सिद्ध लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में खुदाई चल रही थी. वहीं, यह प्राचीन विष्णु कूप मिला है. श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रामनवमी के दिन इस कूप को खोला जाएगा.
महाभारत युद्ध के बाद बने थे 4 कूप
इतिहास में वर्णित है कि कुरुक्षेत्र में युधिष्ठिर ने महाभारत युद्ध के पश्चात 4 कूप बनवाए थे. एक चंद्रकूप है, जहां पर महाभारत युद्ध के बाद द्रोपदी ने अपने खून से सने केश धोए थे. दूसरा रुद्रकूप (महाभारत कालीन थानेश्वर महादेव मंदिर के पास), तीसरा देवीकूप (शक्तिपीठ मां भद्रकाली मंदिर के अंदर) और चौथा विष्णुकूप (हजारों साल पुराने प्राचीन सिद्ध लक्ष्मी नारायण मंदिर) में मिला है. मंदिर परिसर में चल रहे जीर्णोद्धार कार्य के दौरान विष्णु कूप देखा गया है.
पूजारी को आ रहे थे सपने
मंदिर के पुजारी स्वामी हरी नारायण गिरी महाराज ने दावा किया कि उन्हें पिछले काफी दिन से कूप के सपने आ रहे थे. आज वहीं कूप उनके मंदिर परिसर में मिला है.
100 फीट से अधिक गहराई
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व इतिहासकार प्रोफेसर डॉ. सुरेन्द्र कुमार वशिष्ठ ने बताया कि विष्णु कूप की गहराई 100 फुट से भी ज्यादा है और इसमें लगी हुई आईटी लाखोरी ईंट है, जो प्राचीनकालीन हैं और इनका इतिहास में भी वर्णन मिलता है.
उन्होंने बताया कि उस समय के चूने की लिपाई भी इस पर है और इसकी ईंटें भी लाखोरी हैं. काफी गहरा कूप (कुआं) है. प्राचीन समय में तट के पास स्थित विश्व विख्यात सन्नहित सरोवर के अंदर से इसमें जल आता था.
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