कुरुक्षेत्र | 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अंतराष्ट्रीय गीता महोत्सव (Gita Mohatsav) का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान राजकीय व निजी स्कूलों में गीता वाणी की गूंज सुनाई देगी. स्कूलों में श्रीकृष्ण- अर्जुन संवाद का मंचन किया जाएगा और गीता ज्ञान पर आधारित पेंटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी. इसे लेकर शिक्षा विभाग की तरफ से 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं को आयोजित किया जाएगा. शिक्षा विभाग ने प्रतियोगिताओं का शेड्यूल जारी कर दिया है.
सरकार ने की तैयारी
सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी गीता के महत्ता को समझ पाए, इसके लिए सरकार ने तैयारी कर ली है. अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में 4 चरणों में प्रतियोगिताओं को आयोजित किया जाएगा. विद्यालय से लेकर राज्य स्तर तक 6 श्रेणियों में प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी, जिनमें निबंध लेखन, संवाद, गीता श्लोकोच्चारण, प्रश्नोतरी, भाषण और पेंटिंग शामिल हैं. खंड स्तर पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले विद्यार्थी जिला स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे. जिला स्तर पर अव्वल आने वाले विद्यार्थी ही राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में शामिल हों सकेंगे.
आयोजित होगी प्रतियोगिताएं
प्रथम, द्वितीय व तृतीय विद्यार्थियों को पुरस्कार दिया जाएगा और सांत्वना पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र दिए जाएंगे. प्रतियोगिताओं के आयोजन को लेकर पुरस्कार राशियों के अतिरिक्त 5 हजार रुपये प्रति खंड और 5 हजार रुपये प्रति जिले के अनुसार बजट आवंटित किया जाएगा. पहली श्रेणी में छठी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थी भाग लेंगे. दूसरी श्रेणी में 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी शामिल होंगे. प्रतियोगिताएं विद्यालय मुखिया की अध्यक्षता में आयोजित होगी, जिनके लिए मूल्यांकन कमेटियां बनाई जाएगी.
जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय निर्णायक मंडल गठित होगा. इसमें जिला शिक्षा अधिकारी अध्यक्ष, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और डाइट प्रधानाचार्य सचिव, भाषा विशेषज्ञ और सहायक परियोजना संयोजक सदस्य होंगे. राज्य स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष अतिरिक्त निदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग, निदेशक एससीइआरटी गुरुग्राम सचिव और भाषा विशेषज्ञ सदस्य होंगे.
कंप्यूटर और AI टूल से लिखे निबंध नहीं होंगे मान्य
निबंध लेखन प्रतियोगिता में कक्षा छठी से आठवीं और 9वीं से 12वीं के विद्यार्थी भाग लेंगे. निबंध लेखन का विषय मैने गीता से क्या सीखा, गीता ने मेरे जीवन को कैसे बदला और भारत की स्वतंत्रता में गीता का महत्व होगा. निबंध लेखन हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत व उर्दू भाषा में किया जा सकता है. हस्तलिखित निबंध ही स्वीकार किये जाएंगे. कप्यूटराइज और AI टूल के जरिये लिखे निबंध मान्य नहीं होगे. पहली श्रेणी में निबंध शब्द सीमा 500 से 600 शब्द और दूसरी श्रेणी में 700 से 900 शब्द सीमा तय की गई है.
श्लोक के बारे में होना चाहिए पूरा ज्ञान
श्लोकोच्चारण में विद्यार्थियों के साथ आमजन की भागीदारी भी होनी चाहिए. प्रतिभागी का उच्चारण बिल्कुल साफ होना चाहिए. विद्यार्थी जिस श्लोक का उच्चारण कर रहा है, उसे उसके अर्थ, व्याख्या, भावार्थ, प्रसंग व भाव का ज्ञान होना अनिवार्य है. भाषण का विषय गीता की शिक्षाओं, भगवान श्रीकृष्ण के जीवन दर्शन और उनकी शिक्षा पर आधारित होगा.
संवाद प्रतियोगिता में गीता के उपदेश के दौरान भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के मध्य अथवा संजय और धृतराष्ट्र के मध्य हुए संवाद की प्रस्तुति भाग होंगी. गीता के ज्ञान को समर्पित पेटिंग कला आयोजित होंगी, जिनका विषय गीता का ज्ञान, गीता दर्शन एवं जीवन मूल्य, गीता एवं प्रकृति संरक्षण, गीता एवं सांसारिक जीवन एवं गीता और मैं शामिल है.
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