कुरुक्षेत्र | हिंदू धर्म में भगवत गीता का विशेष महत्व है. इसी वजह से अधिकांश घरों में भगवत गीता रखी जाती है. मान्यता है कि जिस घर में गीता का नियमित पाठ होता है, वहां पर हमेशा खुशहाली बनी रहती है. आज 3 दिसंबर को देशभर में गीता जयंती महोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. बता दें कि आज के दिन कई धार्मिक और स्वयंसेवी संस्थान गीता के उपदेशों का प्रचार करते हैं और भगवत गीता का मुफ्त में वितरण करते हैं. इस दिन यदि आप अपने घर में भगवत गीता लेकर आ रहे हैं, तो इससे पहले आपको कुछ जरूरी नियमों के बारे में अवश्य पता होना चाहिए.
ऐसा इसलिए क्योंकि जिन घरों में भागवत गीता ग्रंथ उपस्थित होता है, वहां पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. दूसरी तरफ यदि आप कुछ गलतियां कर देते हैं, तो इस वजह से आपको परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है.
भगवत गीता से जुड़े कुछ जरूरी नियम
- श्रीमद्भागवत गीता को एक पवित्र ग्रंथ माना जाता है. इसलिए पढ़ने के बाद इसे मंदिर में ही रखा जाना चाहिए. साथ ही बिना स्नान के इसे छूना भी नहीं चाहिए, यदि कोई व्यक्ति इस नियम का पालन नहीं करता है, तो उसे जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
- गीता का पाठ करने से पहले भगवान श्री गणेश और श्री कृष्ण जी की उपासना अवश्य करनी चाहिए. जिस आसन पर आप बैठ कर रहे हैं, हर दिन उसी का प्रयोग करना चाहिए.
- शास्त्रों में बताया गया है कि गीता का पाठ किसी भी समय करने से उत्तम फल प्राप्त होता है. जब भी आप इसका पाठ शुरू करें, तो इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि कोई भी अध्याय बीच में ना छूटे.
- व्यक्ति को भगवत गीता के पाठ के दौरान उनकी पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए इसलिए गीता को कभी भी जमीन पर ना रखें. इन्हें पूजा की चौकी या काठ पर रखे. फिर पाठ करें ऐसा करने से व्यक्ति को हर प्रकार के दोष से मुक्ति मिल जाती है.