कुरुक्षेत्र । गीता स्थल ज्योतिसर कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप का उपरी हिस्सा पहुंच गया है. यह प्रतिमा ज्योतिसर की पवित्र स्थली पर लाइट एंड साउंड शो के सामने पूर्व-दक्षिण दिशा में मुख कर लगाई जाएगी. करीब 40 फीट के विराट स्वरूप को लगाने के लिए दस फीट का फाउंडेशन तैयार करने का कार्य अक्टूबर महीने तक पूरा होने की उम्मीद है. इसकी तकरीबन 20 फीट गहराई भी होंगी. पर्यटन तकनीक टीम और अधिकारियों ने विराट स्वरूप की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए हैं.
श्रीकृष्ण भगवान ने महाभारत में ज्योतिसर की पावन धरा पर अजरुन को नीमित कर गीता का उपदेश दिया था. कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की ओर से कृष्णा सर्किट के अंतर्गत स्थल को पर्यटन की दृष्टि से नए रूप में स्थापित करने का काम जोरों पर है. 2017 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद विराट स्वरूप लाने के लिए काफी वक्त से कोशिशें जारी हैं लेकिन ज्योतिसर में इसको रखने की व्यवस्था नहीं बन पा रही थी. विराट स्वरूप का उपरी हिस्सा शुक्रवार को तीन ट्रालों में लादकर गीता स्थली पर लाया गया. बड़ी क्रेनों की मदद से इसे यहां उतारा गया.
200 करोड़ का प्रोजेक्ट
केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि ज्योतिसर को पर्यटन हब की दृष्टि से विकसित किया जाएगा. कृष्णा सर्किट के अंतर्गत 200 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है. करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है. यहां पर गीता के हॉल और अन्य स्थलों का भी निर्माण किया जा रहा है. यहां ओपन थिएटर भी तैयार किया जाएगा.
प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सूतार ने किया तैयार
विराट स्वरूप को तैयार करने का काम प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सूतार ने किया है. यह उनकी नोएडा स्थित वर्कशॉप में तैयार हुआ है. इसमें 40 फीट का विराट स्वरूप हैं. इसमें श्रीकृष्ण, भगवान शिव, हनुमान, ब्रह्मा, अग्निदेव, गणेश, एग्रीव, नरसिंह व परशुराम सहित नौ सिर हैं. इसका वजन करीब 33 टन है. इसके अलावा नौ फीट के पैरों के नीचे कमल व शेषनाग की पूंछ हैं.
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