धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में विराजमान होगी 1000 किलोग्राम की पवित्र गीता, खासियत जानकर होगी खुशी

कुरुक्षेत्र | धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में आने वाले कुछ दिनों में बहुत खास बात होने जा रही है. 5160 साल पहले जिस पावन धरती पर भगवान श्रीकृष्ण ने कर्मयोग का अमर संदेश दिया था, उसी धरती पर (ज्योतिसर) में अब विश्व की सबसे बड़ी गीता विराजमान होगी. इस गीता का वजन 1,000 किलोग्राम होगा, जिसे विशेष तौर पर इटली में तैयार कराया जा रहा है. इस्कॉन की ओर से निर्मित की जा रही इस गीता को विश्व के पहले रथनुमा श्रीकृष्ण- अर्जुन मंदिर में विराजमान किया जाएगा. करीब 700 पेज की इस पवित्र गीता के पन्ने मशीन द्वारा ही पलटे जा सकेंगे.

Bhagavad Geeta

इस पवित्र गीता को विराजमान करने के लिए मंदिर में अत्याधुनिक गीता म्यूजियम भी बनाया जा रहा है. यहां तकनीक के जरिए दर्शाया जाएगा कि किस तरह श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का संदेश दिया था. माना जा रहा है कि इससे यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को साक्षात गीता संदेश का अनुभव हो सकेगा.

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इस गीता की खास बात यह होगी कि ये यूपो सिंथेटिक पेपर से तैयार की जा रही है. मंदिर प्रबंधन इसी साल दिसंबर में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के शुभारंभ तक मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद जता रहा है. इसके बाद, मंदिर और पवित्र गीता का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों से कराने की चर्चाएं चल रही है.

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फिलहाल, विश्व की सबसे बड़ी गीता दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में ही है जो वजन में 800 किलोग्राम और लंबाई में 9×6.5 फुट है. इसे भी इटली में ही तैयार करवाया गया था और साल 2019 में पीएम मोदी ने ही इसका उद्घाटन किया था. अब ज्योतिसर में बन रहे मंदिर में विराजमान की जाने वाली गीता इससे भी भव्य व बड़ी होगी.

विश्व का पहला अनोखा रथनुमा होगा श्रीकृष्ण- अर्जुन मंदिर

ज्योतिसर क्षेत्र में इस्कॉन की ओर से बनाए जा रहे श्रीकृष्ण अर्जुन मंदिर पर करीब 125 करोड़ रुपए खर्च होंगे और यह करीब 6 एकड़ भूमि पर बनेगा. इसका निर्माण कार्य 2015 में शुरू हुआ था और इस साल दिसंबर तक इसके पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है. माना जा रहा है कि यह विश्व का पहला मंदिर होगा, जहां श्रीकृष्ण के साथ अर्जुन की भी पूजा होगी.

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मुम्बई में तैयार कराए गए रथ के घोड़े

मंदिर प्रबंधक साक्षी गोपालदास ने बताया कि जब भगवान श्रीकृष्ण रथ पर सवार होकर अर्जुन को महाभारत के युद्ध के दौरान गीता का संदेश दे रहे थे, उसी दृश्य को मंदिर में दर्शाया गया है. 40- 40 फुट लंबे और 30- 30 फुट ऊंचे घोड़े विशेष तौर पर मुम्बई में तैयार करवाए गए हैं जो मंदिर परिसर में स्थापित भी कर दिए गए हैं.

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