कुरूक्षेत्र | अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव आज से शुरू हो चुका है. महोत्सव की शुरुआत सबसे पहले शिल्प एवं सरस मेले से होगी, जिसके लिए विभिन्न राज्यों के कारीगरों को करीब 600 स्टॉल दिए गए हैं. विभिन्न राज्यों से शिल्पकार और कलाकार पवित्र ब्रह्मसरोवर के तट पर पहुंचने लगे हैं और दुकानें भी सजने लगी हैं. शिल्पकारों और कलाकारों के साथ- साथ पर्यटकों की सक्रियता भी अचानक बढ़ गई है, जिससे महोत्सव के प्रति उनका उत्साह देखते ही बन रहा है.
25 से ज्यादा मिलेंगे फूड स्टॉल
इस दौरान पर्यटकों को ब्रह्मसरोवर के तट पर ही खाने- पीने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए 6 फूड कोर्ट बनाए गए हैं, यहां 25 से ज्यादा फूड स्टॉल लगाए गए हैं. हरियाणा के विभिन्न जिलों के साथ- साथ राजस्थान, पंजाब, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत विभिन्न राज्यों से शिल्पकार अपना माल लेकर पहुंच गए हैं, जहां उन्हें दुकानें आवंटित की गईं.
पुलिस ने बढ़ाई गश्त
मेले में शिल्पकारों और कलाकारों के उत्साह के कारण मेले के दौरान ब्रह्मसरोवर के तट पर अध्यात्म, संस्कृति और कला का संगम दिखाई देगा. इस मेले के माध्यम से लोग एक- दूसरे राज्य की कला और संस्कृति को समझेंगे और आपसी भाईचारे की भावना भी बढ़ेगी. मेले के औपचारिक उद्घाटन को लेकर तैयारियां भी जोरों पर हैं. पुलिस ने भी गश्त बढ़ा दी है.
17 दिसंबर तक चलेगा मेला
आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव 7 से 24 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा, जिसके मुख्य कार्यक्रम 17 दिसंबर से शुरू होंगे. शिल्प एवं सरस मेला 7 दिसंबर से शुरू होगा और पूरे महोत्सव तक चलेगा. कई कारीगरों की मेले में सूची से नाम गायब है .यह कारीगर अधिकतर उत्तर प्रदेश साइड के हैं. हालांकि, प्रशासन का कहना है कि उनका समाधान हो जाएगा.
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