कुरुक्षेत्र | KU (कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय) ने अपने गोद लिए 6 गांवों में कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण केन्द्र खोलने का बड़ा फैसला लिया है. इन प्रशिक्षण केन्द्रों पर इंस्ट्रक्टर नियुक्त किए जाएंगे जो ग्रामीणों के हुनर की पहचान करेंगे और उनकी रूचि के हिसाब से उनके हुनर को तराश देकर दुनिया के सामने उन्हें आगे बढ़ने का मंच प्रदान करेंगे. इन केन्द्रों में प्रशिक्षण लेकर यही ग्रामीण अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम करेंगे.
इन गांवों को लिया गया गोद
बता दें कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से दयालपुर, मिर्जापुर, पबनावा, किरमिच, नरकातारी व बारना गांव को गोद लिया गया है. कुवि प्रशासन की ओर से इन गांवों में समय- समय पर जागरूकता कैंप कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को सामाजिक बुराइयों के प्रति जागरूक किया जाता है. इसके साथ ही गांवों के छात्र भी ग्रामीणों के साथ सहयोग कर कई तरह के अनुभव हासिल कर सकेंगे.
नई शिक्षा नीति में भी कौशल विकास पर जोर
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी सरकार द्वारा कौशल विकास पर पूरा फोकस किया जा रहा है. इस नीति के अन्तर्गत स्टूडेंट्स को किताबी पढ़ाई के साथ-साथ कुशल बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. इनमें स्टूडेंट्स की रूचि को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई के साथ- साथ इंटर्नशिप भी करवाई जाएगी ताकि इंटर्नशिप से शिक्षा ग्रहण कर स्टूडेंट्स किसी भी उद्योग के लिए अपने आप को निपुण बना सकें.
समाज को नई शिक्षा दें सकते हैं शिक्षण संस्थान
कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि शिक्षण संस्थान युवा पीढ़ी के साथ-साथ ग्रामीणों को भी कुशल बनाकर एक अच्छे समाज की आधारशिला रख सकते हैं. उन्होंने बताया कि कुवि प्रशासन द्वारा गोद लिए गए छह गांवों में कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण केन्द्र खोलने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए तैयारियां अंतिम दौर में हैं. इन सभी केन्द्रों में इंस्ट्रक्टर नियुक्त कर ग्रामीणों को कौशल विकास का ज्ञान दिया जाएगा.
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