कुरुक्षेत्र । कुरु भूमि की पहचान महाभारत युद्ध व गीता उपदेश स्थली के रूप में विश्व भर में हैं, लेकिन अब इसकी एक नई पहचान ओर बनने जा रही है. शहर में एक और संग्रहालय जल्दी बनने जा रहा है. इसके बाद कुरुक्षेत्र संग्रहालय की नगरी भी होगा. बता दें कि गीता पर विश्व में यह पहला संग्रहालय होगा. इसमें विश्व भर की सभी दुर्लभ गीता पांडुलिपियों का संग्रह किया जाएगा. वही यह वर्चुअल वर्ल्ड भी होगा. जिसमें होलोग्राफिक इमेज, लाइटिंग, प्रोजेक्शन लाइट, व मैपिंग से पर्यटकों को महाभारत की धरा पर होने का एहसास होगा.
10 करोड़ की लागत से किया जाएगा तैयार
10 करोड़ की लागत के साथ यह म्यूजियम तैयार होगा. ब्रह्मसरोवर किनारे निर्माणाधीन गीता ज्ञान संस्थान में ही इस संग्रहालय का निर्माण होगा. जिस पर तकरीबन बिल्डिंग सहित 10करोड़ रूपये का खर्च आएगा. बता दें कि संस्थान के लिए सरकार व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से करीब शादी साढ़े 9 एकड़ जगह जीओ गीता परिवार को दी हुई है. गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद की अगुवाई में जिओ गीता परिवार गीता ज्ञान संस्थान का निर्माण कर रहा है. बता दें कि इसमें संत रामपाल समेत कई अन्य संतों वह मौजिज लोगों संस्थाओं ने भी आर्थिक सहयोग किया है. आरएसएस संघ संचालक मोहन भागवत, सीएम मनोहर लाल खट्टर आदि ने ही सरकार के पिछले प्लान में इसकी नींव रखी थी.
शुरुआत में एक मिनी संग्रहालय का प्रपोजल पहले से था लेकिन अब यह एक भव्य संग्रहालय बनाया जाएगा. जिसके लिए सभी कार्य शुरू कर दिए गए हैं. और बाकी सभी कार्यों की जोरों शोरों से तैयारी की जा रही है. संस्था से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि इस संग्रहालय का निर्माण संस्था अपने स्तर पर करवाएंगी. जिस पर तकरीबन 10 करोड़ की लागत वहन की जाएगी.
गीता जयंती पर शुभारंभ
अब इसके निर्माण के कार्यों में तेजी आ रही है. हालांकि पहले एक मिनी संग्रहालय पर कार्य शुरू किया गया था, लेकिन 2021 में इसके विस्तारीकरण के प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा. संस्था का लक्ष्य है कि गीता जयंती के अवसर पर इसका शुभारंभ हो जाए. संस्थान सदस्य विजय नरूला व केडीबी मानद, सचिव मदन मोहन छाबड़ा के मुताबिक की है. यह विश्व में गीता का एकमात्र अनोखा संग्रहालय होगा. संस्था इसे अपने खर्च पर तैयार करवा रही है. जहां एक तरफ यह दुर्लभ गीता संग्रह होगा वहीं इसमें वर्चुअल वर्ल्ड से महाभारत और कुरुक्षेत्र के इतिहास से पर्यटक रूबरू हो सकेंगे. इसमें नई-नई तकनीकों का प्रयोग करके महाभारत, कुरुक्षेत्र के इतिहास, गीता उपदेश आदि पर प्रकाश डाला जाएगा.
विश्व में ऐसा एकमात्र संग्रहालय
बता दें कि यह विश्व में एकमात्र गीता संग्रहालय होगा. संग्रहालय में जहां कई खासियत होगी. वहीं विश्व भर से दुर्लभ गीता पांडुलिपियों को जुटाया जाएगा. वहीं इसमें एंटीक वस्तुओं का भी संग्रह किया जाएगा. इसको लेकर संस्था की कमेटी भी बहुत तेजी से कार्य कर रही है. जो कि घूम- घूम कर गीता व एंटीक वस्तुओं को इकट्ठा करेगी.
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