कुरुक्षेत्र | कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो. इन पंक्तियों को हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित शाहबाद के छोटे से गांव बुहावी निवासी सलिन्द्र ने सच करके दिखा दिया है. सलिन्द्र ने मोतियों की खेती कर साबित कर दिया है कि कुछ भी करना संभव है. उन्होंने बताया कि एक समय था जब वे फैक्ट्री में काम कर बड़ी मुश्किल से अपने परिवार का भरण- पोषण कर पाते थे लेकिन आज वे एक महीना में लाखों रुपए कमा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि वह 6 साल से मोती की खेती कर रहे हैं. पहले वह प्राइवेट नौकरी करते थे और आज खुद की इंडस्ट्री चला रहे हैं. उनके रिश्तेदारों के यहां भी मोती के पौधे लगे हैं. मोती के पौधे नागपुर और अंडमान- निकोबार में भी लगाए गए हैं. बता दें कि दमन में भी एक प्लांट लगाने की तैयारी है.
आख़िर कैसे की जाती है मोती की खेती?
सलिंद्र ने बताया कि यह सीप समुद्र का जीव है जो बड़ी महानदी आदि में पाया जाता है. मोती बनने वाले जीव को अनजाने में रेल मार्ग से लाया जा सकता है और फिर उसके पौधे में रोप दिया जाता है. उन्हें खाने के लिए कैल्शियम दिया जाता है. लोग इसे मुझसे व्यक्तिगत रूप से लेते हैं और मैं इसे बाजार में भी सप्लाई कर देता हूं. इसके साथ ही, डाक विभाग के माध्यम से कई जगह पर भेज भी देता हूं और इस काम में ज्यादा मेहनत की जरूरत भी नहीं है.
यह एक पार्ट टाइम काम है. शुरुआत में थोड़ी मेहनत जरूर लगी. उसके बाद, मैं खुद लोगों को ट्रेनिंग देने लग गया और मेरे पास सीखने भी लोग आते हैं. मैं लोगों को 2 दिन की ट्रेनिंग देता हूं.
मोती की खेती कर कमाएं मोटा पैसा
आप कम पैसों में अच्छी कमाई कर सकते हैं. कम पैसे में छोटा उद्योग स्थापित किया जा सकता है, यह अच्छा आय का साधन बन सकता है. इस छोटे उद्योग में 70 से 80 हजार रुपये का निवेश होता है और 13 महीने के बाद पौने दो लाख रुपये की बिक्री हो जाती है. सलिन्द्र ने बताया कि पहले वह एक फैक्ट्री में काम करता था. एक बार वह भुवनेश्वर गए, जहां उन्होंने खेती का प्रशिक्षण लिया और बाद में अपने साथी के साथ मिलकर घर पर ही मोती की खेती शुरू की.
घर पर भी की जा सकती है मोती की खेती
मोती की खेती करने वाले सलिन्द्र ने घर पर ही 20 गुना 10 फीट क्षेत्र में 1000 सीपों से मोती की खेती शुरू की. 1000 सीपों का सेटअप लगाने में 1 लाख तक का खर्च आता है. सीप की खेती के दौरान सबसे महत्वपूर्ण काम सीप की सर्जरी करना होता है. इसके लिए बस खास ट्रेनिंग लेनी होगी. सीप के अंदर दो मोती पैदा हो सकते हैं. जैसा आकार उसके अंदर रहता है, वैसे ही मोती पैदा होता है.
1 साल में तैयार हो जाता है मोती
सलिन्द्र ने बताया कि 12 से 13 महीने के बाद मोती सीप में तैयार हो जाता है. उन्होंने कहा कि मोती की मांग हर जगह है. मोती की मांग भारत के साथ- साथ विदेशों से भी देखी जा रही है. इसके बहुत सारे लोग शौकीन हैं.
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