बेटे दीपेंद्र के भविष्य के लिए हरियाणा के पूर्व सीएम हुड्डा ने कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन पर साधी चुप्पी

नई दिल्ली | कांग्रेस के ग्रुप 23 में शामिल नेताओं की गांधी परिवार के साथ बीते शनिवार 10 जन पथ पर हुई बैठक में हरियाणा के पूर्व सी एम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नेतृत्व परिवर्तन जैसे अहम मामले में चुप्पी ही साधे रखी. सी एम हुड्डा ने पार्टी संगठन की मजबूती में ही नेताओं का सम्मान बरकरार रहने व जमीन से जुड़े नेताओं को ही पार्टी संगठन में प्रमुख पद देने की बात कह कर अपनी बात को विराम दे दिया.

Bhupender Singh Hooda

पार्टी संगठन की मजबूती में ही नेताओं का व्यक्तिगत सम्मान रहेगा बरकरार

कांग्रेस पार्टी की प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा आयोजित की गई बैठक में नेतृत्व परिवर्तन जैसे अहम मुद्दे पर पूर्व सीएम हुड्डा की चुप्पी के अब दो मतलब निकाले जा रहे हैं. जिनके आधार पर स्पष्ट रूप से कहा जा रहा है कि एक तो यह कि पूर्व सी एम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस में सोनिया गांधी के सिंहासन से बंधे रहना चाहते हैं और अगर मामले को दूसरे छोर से देखा जाए तो यह भी कहा जा सकता है कि हुड्डा को अब राहुल गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने और इस पद का कार्य भार संभालने पर भी कोई आपत्ति नहीं है. राहुल के लिए उनकी यह मूक सहमति है और हुड्डा की चुप्पी को अब एक बीच का रास्ता भी माना जा रहा है.

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हुड्डा हरियाणा तक ही सीमित रखना चाहते हैं अपनी और दीपेंद्र की राजनीति को…? 

दरअसल, अगर बात की जाए पूर्व सी एम हुड्डा की तो ऐसा लग रहा है कि वे हरियाणा की राजनीति में अपना और अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा के भविष्य को सुरक्षित कर उसे एक सुरक्षित राह दिखाना चाहते हैं. इसी के चलते अब उन्होंने बीते अगस्त माह में पार्टी के 23 नेताओं के द्वारा नेतृत्व परिवर्तन के लिए सोनिया गांधी को लिखे पत्र से भी उसी समय ही किनारा कर लिया था जिस समय यह जानकारी देश की मीडिया तक पहुंच गई थी.

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ऐसे में सी एम हुड्डा यह साफ़ तौर पर जानते हैं कि बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने राहुल की टीम में अपना एक अलग ही स्थान बना लिया है और अब वे उसमें पूरी तरह से कामयाब भी हो गए हैं. ऐसे में अगर राहुल गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है तो भविष्य में उनके रहते हरियाणा में हुड्डा परिवार की राजनीति पर कोई आंच नहीं आ सकती हैं.

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हुड्डा के बदले रुख से बदलेगी हरियाणा कांग्रेस की राजनीति

हरियाणा कांग्रेस में अगर वर्तमान स्थिति पर नजर डालें तो आज के दौर में कांग्रेस पार्टी में चार प्रमुख नेता हैं. अगर इसकी बात की जाए तो इनमें हरियाणा के पूर्व सी एम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला, कुमारी सैलजा और कुलदीप बिश्नोई का नाम शामिल है. सबसे पहले अगर बात करें रणदीप सुरजेवाला की तो यह पार्टी की केंद्रीय इकाई में प्रभावी हो चुके हैं और कुमारी सैलजा प्रदेशाध्यक्ष के साथ सोनिया गांधी के बहुत ही ज्यादा नजदीक हैं. वहीं दूसरी ओर कुलदीप बिश्नोई ने भी राहुल गांधी की कोर टीम में अपना एक अलग विश्वास और स्थान बनाया हुआ है, जिसमें वे अब तक पूरी तरह से सफ़ल हुए हैं.

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