रोहतक I हरियाणा से आढ़तियों से जुड़ी अहम खबर सामने आ रही है। अनाज मंडी आढतियों ने अपनी फसल व्यापारियों को बेची थी परंतु व्यापारियों ने आढ़तियों को रुपयों का भुगतान नहीं किया। अब व्यापारी 4 साल में 500 करोड़ रुपए का चूना लगा कर विदेश भाग गए हैं। इससे पहले भी काफी सालों में इन वव्यापारियों ने आढतियों से लगभग 2000 करोड़ रुपये लूटे हैं। लुटेरे व धोकेबाज व्यापरी तो विदेश फरार हो गए हैं पर आढति अब केवल अफसोस मना रहे हैं।
सरकार से नाराज़ आढ़ती
आनाज मंडी आढतियों ने अपने अधिकारों की रक्षा करने व अपना व्यापारियों से अपना पैसा दिलवाने के लिए सरकार से सहायता माँगी। परन्तु सरकार ने इस धोखाधड़ी को मंडी आढतियों और व्यापारियों के बीच की बात कह कर मामले से पल्ला झाड़ लिया। सरकार ने मुसीबत में फंसे आढतियों की कोई सहायता नही की।
रजनीश चौधरी (आनाज मंडी एशोसिएशन के चैयरमैन) ने कहा कि एक तो सरकार ने आढतियों की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया और फिर करोड़ो रूपये गबन करने वाले व्यापारियों के विदेश भाग जाने के बाद सरकार ने FIR दर्ज कराई है। आरोपी व्यापारी दुबई और अन्य देशों में छिपे हैं। सरकार ने ना ही उनके पासपोर्ट जब्त किए न ही कोई कार्यवाही की।
किसान भी सरकार के विरोध में
किसान भी सरकार से नाराज़ हैं, क्योंकि यदि अनाज उत्पादक किसान और खरीददार व्यापारियों के मध्य सौदागर मंडी आढती ना होते तो आज यह नुकसान किसानों को उठाना पड़ता। इसलिए किसान सरकार के नए कानून (किसान अपनी फसल बाज़ार से बाहर सीधे व्यापारियों को भी बेच सकते हैं) का भी पुरज़ोर विरोध कर रहे हैं।
नए कृषि कानून का विरोध
भारतीय किसान यूनियन के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी का तर्क है कि सरकार किसानों और मंडी आढतियों के बीच सम्बंध को समाप्त नही कर सकती। अगर सरकार ऐसा करती है तो मंडी से बाहर सीधे व्यपारियो को फसल बेचने पर पैसों के भुगतान की गारंटी कौन लेगा। सरकार ने 25 सेप्टेंबर 2020 से पहले परमल जीरी की बिक्री पर रोक लगाई हुई है जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। किसान नए कृषि कानून के आधार पर अपनी फसलें नही बेचेंगे। सरकार कानून वापस ले और जल्द ही बिक्री शुरू कराये।