नई दिल्ली | सरकार द्वारा लागू किए गए नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का 40 वां दिन है. किसानों द्वारा चलाए जा रहे इस शांत किसान आंदोलन की ताकत प्रदेश में धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही है क्योंकि ठंड व बारिश की परवाह किए बिना ही हरियाणा ,पंजाब, यूपी के साथ -साथ राजस्थान व कई अन्य राज्यों के किसान बॉर्डर पर लगातार पहुंच कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में सरकार और किसानों के बीच आज 8 वें चरण की बैठक को विज्ञान भवन में आयोजित किया गया है.
किसान आंदोलन में शहादत देने वाले व्यक्ति के परिवार को दो लाख रुपए आर्थिक सहायता के रूप में दिए जाएंगे- पूर्व सीएम
अगर अब वर्तमान स्थिति की बात करें तो पूर्व सी एम और कांग्रेस के सीनियर नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने साफ तौर पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि कांग्रेस विधायकों ने मिलकर आपस में यह फैसला लिया है कि कांग्रेस विधायक दल निजी कोष से आंदोलन में शहीद होने वाले किसान परिवारों को दो दो लाख रूपए दे कर उनकी आर्थिक मदद के लिए यह कदम आगे बढ़ाने वाला है. साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में भी इन सभी परिवारों की हर प्रकार से सहायता के लिए कांग्रेस के विधायक बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगे. इन सभी परिवारों को ज्यादा से ज्यादा मदद पहुंचाने की कोशिश हमेशा जारी रहेगी.
7 चरणों में बातचीत हुई पूर्ण, किन्तु कोई निष्कर्ष नहीं निकला
यहां हम आप को विशेष रूप से बता दें कि ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकार व किसान संगठनों के बीच अब तक कुल 7 चरणों में बातचीत पूर्ण हो चुकी है. ऐसे में सातवें दौर की बातचीत के बाद भी दोनों पक्षों में केवल 2 मुद्दों पर ही सहमति बन पाई थी, किंतु सरकार द्वारा लागू किए गए नए तीन कानूनों को वापस लेने की मांग पर किसान संगठन अभी भी अड़े हुए हैं. वहीं दूसरी ओर सरकार अपनी बात पर डटी हुई है कि इन 3 कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा. ऐसे में इतनी ठंड के बावजूद भी तमाम इलाकों से आए किसान वही बॉर्डर पर डेरा डाले हुए बैठे हैं.
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